भारत का उच्चतम न्यायलय यानि सुप्रीम कोर्ट, जहाँ पर, हर दर पर माथा टेक चुके, और हर तरफ से मायूस फरियादी इंसाफ पाने के लिए या यूँ कहें की अपनी आखिरी किस्मत आज़माने के लिए जातें हैं. किन्तु जब न्याय करने वालों को ही इंसाफ की दरकार हो तो वो कहाँ जाएँ. कई लोग कहते हैं की अदालत में उनकी उम्रें बीत गई. आज खुद न्यायलय के ख़िदमतगार पिछले कुछ समय से अपने आपसी विवाद में उलझे हुए है. जिसका कोई हल निकलता नज़र नहीं आ रहा है. गुरुवार को मसले का हल निकलने के लिए चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने चारो नाराज़ जज जस्टिस चेलमेश्वर, रंजन गोगोई, मदन बी लोकुर और कुरियन जोसेफ से मीटिंग की थी. मीटिंग में चार अन्य जज भी मौजूद थे. मीटिंग 30 मिनट तक चली लेकिन काफी सवाल जवाबों के बाद भी समस्या का कोई हल नहीं निकला. आपको बता दें की इससे पहले उपरोक्त चारों नाराज़ जजों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाकर चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के खिलाफ भेदभाव का आरोप लगाने के साथ साथ उनकी कार्य प्रणाली पर भी प्रश्न उठाये थे. चारो जजों ने केस बांटने को लेकर चीफ जस्टिस को ज्ञापन सौंपा था, जिस पर चीफ जस्टिस ने ग़ौर करने का आश्वासन दिया है. मीटिंग के बाद हुई बातचीत में पता चला है कि चारों जज कुछ मामलों में एकमत नहीं है, ऐसे में विवाद सुलझाने के लिए सोमवार को फिर मीटिंग की उम्मीद की जा रही है. प्रदेश का दर्द खत के जरिये बच्ची ने पीएम को भेज़ा प्रवीण तोगड़िया की गिरफ़्तारी पर त्रिकोणीय बयान आम बजट से होगी फ़रवरी माह की शुरुआत