दोस्तों घर सजाना सभी को पसंद है सभी लोग यही चाहते है की कोई भी व्यक्ति या मेहमान घर आये तो उनके घरो की तारीफ़ करे लेकिन हम घर सजाने में इतने खो जाते है की हमें यह तक पता नहीं चलता की जो हम कर रहे है क्या वो वास्तुशास्त्र के हिसाब से सही है या नहीं. हम अपने घरो की साज सज्जा के लिए पर्दों का प्रयोग करते है लेकिन वास्तु शास्त्र के नियमों को हम ध्यान में रखें तो घर की साज-सज्जा के लिए हम ड्राइंगरूम, लॉबी, बालकनी से लेकर सभी कमरों में पर्दे लगा सकते है इससे घरो में सकारात्मक वास्तु ऊर्जा को संतुलित भी किया जा सकता है. और इस कारण घरो में सुख-शान्ति, आरोग्य, प्रसन्नता आदि को एक लम्बे समय तक बनाए रखने में काफी मदद मिलती है। अत: अपने घर के लिए पर्दों का चयन करते समय इन बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी है. पर्दों की बनावट के अनुसार पर्दों में उच्च श्रेणी के आधार पर आधुनिक शैली में सीप, कौड़ी, कपड़े, कागज या रिबन आदि के बने झालरनुमा पर्दे भी आते हैं। इन सभी का प्रयोग आप अपनी पूर्व व उत्तर दिशाओं की बालकनी, पोर्च, मुख्य द्वार के भीतर बड़ी आसानी से कर सकते हैं. घर की लॉबी, जिसे ब्रह्म स्थान भी कहा जाता है, उस स्थान को वास्तु के पंच तत्वों में से आकाश तत्व की संज्ञा दी जाती है। उसे भी दो भागों में अलग करने का काम पर्दे के माध्यम से किया जा सकता है। यहां पारदर्शी झालरें दो स्थानों को अलग-अलग करने का काम कर सकती हैं और साथ ही यह आपके घर की सुंदरता भी बढ़ा सकती हैं. जब आप पर्दा खरीदने मार्केट जाए तो ध्यान से चेक करके ले की पर्दा कहीं से कटा-फटा न हो क्योंकि कटे-फाटे पर्दे दरिद्रता के प्रतीक होते हैं। घर के सभी पर्दों की समय-समय पर ड्राई क्लीनिंग करवाना भी जरूरी है, अन्यथा धूल-मिट्टी के कारण पर्दे नकारात्मक ऊर्जा देना का कारण बनते है. एक और बलात्कारी बाबा की खुली पोल, पुलिस ने किया ने गिरफ्तार सारी समस्याओं का होगा निवारण बस शुक्रवार को करना होगा ये काम 427 साल बाद यह पितृ मोक्ष लेकर आया है इस बार कुछ ख़ास जिन व्यक्ति के नामो में आते है अक्षर दो बार वे होते है....