ड्यूटी को लेकर जवानों के दो गुटों में चल रही रंजिश कब खुनी खेल में बदल गई किसी को पता नहीं चला. बासागुड़ा के सीआरपीएफ कैंप में शनिवार शाम जवानों ने आपस में गोलीबारी शुरू कर दी जिसका खामियाज़ा चार जवानों ने अपनी जान दे कर चुकाया और एक अभी भी घायल है. यह पूरा मामला ड्यूटी को लेकर था. दरअसल, पिछले दो महीनों से जवानों के दो गुटों के बीच ड्यूटी को लेकर गुटीय रंजिश चल रही थी. नाम न छापने की शर्त पर यहां के एक अफसर ने बताया कि शनिवार 2 बजे संतकुमार ड्यूटी से लौटा था. वह हथियार जमा करने के बाद चला गया था. लेकिन शाम को उसने शस्त्रागार से एसआइ मेघ सिंह व विक्की शर्मा की एके-47 उठा ली और साथियों पर ताबड़तोड़ फार्यंरग शुरू कर दी. इस में एसआई विक्की शर्मा निवासी जम्मू-कश्मीर, एसआई मेघ सिंह निवासी गुजरात, आरक्षक राजवीर सिंह निवासी राजस्थान व आरक्षक शंकर राव निवासी आंध्रप्रदेश की मौके पर ही मौत हो गई थी. वहीं एएसआइ गजानंद सिंह घायल हैं. आरोपी संत कुमार का दावा है कि वह निर्दोष है. उसका कहना है कि कैंप में लोग उससे चिढ़ते थे. मैंने गोलीबारी नहीं की. ये जवान आपस में अपने हथियारों के साथ चलाई गई गोली से मारे गए है. मेरा हथियार मेरे पास था. यहाँ क्लिक करे 1999 कारगिल युद्ध : दास्ताँ-ए-साज़िश बिना युद्ध हर साल होती है हज़ार जवानो की मौत आने वाले समय में इतना बदल जायेगा इंसान अदालत के बाहर मुकदमा सुलझाने पर सहमत उबर