नई दिल्ली: साल 2013-14 में 100 करोड़ से अधिक टैक्स जमा करने वालों में तीन लोग थे. जिन्होंने कुल 547 करोड़ रुपए टैक्स के रुप में जमा किए थे. लेकिन नए आंकड़ो के मुताबिक किसी ने भी 2014-15 में 500 करोड़ से अधिक टैक्स जमा नहीं किया है. वहीं टैक्स कलेक्शन में नया राज्य तेलंगाना का योगदान तेजी से बढ़ रहा है. 2014-15 से 2016-17 के बीच तेलंगाना में इनकम टैक्स कलेक्शन दोगुना हो चुका है. 2015-16 में ऐसे टैक्स पेयर्स की संख्या में 23.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्स (सीबीडीटी) देश में टैक्स पेयर्स के नए आंकड़े जारी किए हैं. सीबीडीटी के मुताबिक 2014-15 में व्यक्तिगत रुप 9,690 लोगों ने एक करोड़ रुपए से अधिक टैक्स जमा किया था. यह आंकड़ा 2013-14 में 7500 था. मोदी सरकार की टैक्स जमा करने में दी गई छूट के बाद टैक्स जमा करने वाली की संख्या में थोड़ा इजाफा हुआ है. सीबीडीटी के आंकड़ो में भारत में एक मात्र व्यक्ति ऐसा है जिसने 100 करोड़ रुपए से अधिक टैक्स भरा है. इस व्यक्ति ने 2014-15 में 238 करोड़ रुपए टैक्स के रुप में जमा किए हैं. हालांकि सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्स उसके नाम का खुलासा नहीं किया है. 3 लोगों ने 50 से 100 करोड़ रुपये के बीच टैक्स दिया है. वहीं, 1 करोड़ से 50 करोड़ के बीच टैक्स देने वालों की संख्या 9,686 है. वित्त वर्ष 2014-15 में 4.1 करोड़ भारतीयों ने इनकम टैक्स रिटर्न फाइल किया था इसमें से केवल 2 करोड़ लोग ऐसे थे जिनकी इनकम पर पर जीरो टैक्स बनता है. वहीं केवल 1 करोड़ ऐसे टैक्स पेयर्स थे जिन्होंने 1 लाख से अधिक टैक्स दिया. वहीं देश में दो राज्य ऐसे हैं जहां से अकेले डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन की 50 फीसदी हिस्सा मिलता है. महाराष्ट्र से 37% टैक्स पेयर्स के साथ पहले स्थान पर, जबकि 12.8 फीसदी टैक्स पेयर्स के साथ दिल्ली दूसरे स्थान पर है. इसके बाद क्रमश: तीसरे, चौथे और पांचवें स्थान पर कर्नाटक (10.1%) , तमिलनाडु (7.1%), गुजरात (4.6%) आता है. वहीं आठवें, नौंवे और दसवे स्थान पर क्रमश: यूपी (3.5%), हरियाणा (2.4%) और राजस्थान (2.4%) आते हैं. इलेक्ट्रिक वाहनों को रोड टेक्स में छूट विधेयक पारित होने से अमेरिकी डाॅलर में आई गिरावट बिटक्वाॅइन लोगों के लिए धन कमाने का बना माध्यम इनकम टैक्स डिपार्टमेंट में घूसखोरी रोकने के लिए हाईटेक रास्ता