भारत से फरार, धोखाधड़ी मामले में ब्रिटेन की अदालत में प्रत्यर्पण संबंधी सुनवाई का सामना कर रहे, कारोबारी विजय माल्या की संपत्तियों को जब्त करने ब्रिटेन के उच्च न्यायालय में दस्तावेज पेश किए गए हैं, जिन पर सुनवाई अप्रैल में होगी. इन दस्तावेज़ के मुताबिक 13 भारतीय बैंकों ने विजय माल्या के खिलाफ कर्ज नहीं चुका पाने को लेकर उनकी संपत्ति जब्त करने का मामला दायर किया है. इस मामले की सुनवाई 11 अप्रैल 2018 को शुरू होगी और दो दिन के भीतर इसका फैसला आएगा. ब्रिटेन में प्रत्यर्पण से जुड़ी सुनवाई के दौरान विजय माल्या के बचाव पक्ष ने दावा किया था कि उसने कर्ज की करीब 80 फीसदी राशि लौटाने की बात की थी, लेकिन भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की अगुवाई में बैंकों के समूह ने उनकी पेशकश को ठुकरा दिया था. इस पर भारत सरकार की ओर से दलील पेश कर रही ‘क्राउन प्रोसेक्यूशन सर्विस’ (सीपीएस) ने प्रतिवाद करते हुए कहा कि प्रस्ताव को इसलिए ठुकराया गया क्योंकि बैंकों को पता था कि संपूर्ण बकाये के भुगतान के लिए माल्या के पास साधन हैं. इस पर माल्या की वकील क्लेयर मोंटगोमरी ने सवाल किया कि क्या 6 अप्रैल, 2017 को करीब 44,000 रुपये वापस करने की उनके मुवक्किल की पेशकश को एक दिन ही बाद ही बैंकों द्वारा ठुकराया जाना चाहिए था. दूसरी ओर बैंकिंग विशेषज्ञ पॉल रेक्स ने अपनी दलील में कहा कि वास्तव में माल्या का ‘धोखाधड़ी’ करने का कोई इरादा नहीं था. गुजरात चुनाव- पीएम की माता ने किया मतदान एच1बी वीजा धारकों के लिए बड़ी खुशखबरी दुष्कर्म पीड़ि‍ताओं को बन्दूक का लाइसेंस देने का प्रस्ताव