इंदौर. एक पत्रकार को अपनी लेखनी की वजह से बलात्कार का आरोपी बना दिया जायेगा ये उसने कभी नहीं सोचा होगा. लेकिन ऐसा एक मामला इंदौर से सामने आया है जहाँ एक लेखक को सरकार के ऊपर किये गए राजनितिक व्यंग के कारण दुष्कर्म का आरोप झेलना पड़ रहा है. दरअसल नीमच के रहने वाले जिनेन्द्र सुराना पेशे से पत्रकार है. पिछले दिनों जब राज्य सरकार ने रेप पीड़िताओं को पद्मावती पुरूस्कार देने की घोषणा की तो जिनेन्द्र सुराना ने व्यंग के अंदाज में फेसबुक पर एक पोस्ट शेयर करते हुए लिखा कि "मध्यप्रदेश में रेप करवाओ और पद्मावती अवार्ड पाओ, सरकार की नई घोषणा'.
इसके बाद उनके ऊपर इस मामले पर FIR दर्ज हो गयी. सुराना पर महिलाओं के सम्मान को ठेंस पहुँचाने का आरोप लगा है. लेखक ने अपने व्यंग पर बलात्कार की धाराओ में एफआईआर दर्ज होने को अभिव्क्ति की आजादी का हनन बताया है. हालांकि कानूनी पछड़े में पड़ चुके सुराना अब इंदौर हाईकोर्ट के वरिष्ठ वकीलों से क़ानूनी सलाह लेने में जुटे हुए है. फेसबुक पर शेयर की गयी इस पोस्ट से समाज की महिलाओं के मान-सम्मान को ठेंस पहुंची है.
इस बात को सही मानते हुए खरगोन के कोतवाली थाने मे सुराना के खिलाफ बलात्कार का मुकदमा दर्ज कर लिया गया है. एक व्यंग पर बलात्कार जैसा संगीन आरोप मे फंसे जिनेन्द्र सुराना इस बात को लेकर परेशान है कि पुलिस ने इस मामले को लेकर FIR दर्ज कर ली है जिसे अब खारिज कराने के लिए सुराना एक शहर से दुसरे शहर भटक रहे है. इसी सिलसिले में वो आज इंदौर हाई कोर्ट में वरिष्ठ वकीलों से क़ानूनी सलाह लेने पहुंचे.
वहीं मिडिया के सामने अपनी पूरी बात रखते हुए सुराना ने कहा कि, 'रेप पीड़िताओं को पद्मावती पुरुस्कार देने की सरकार की घोषणा गलत थी जिसे मैं व्यंग के माध्यम से समझाना चाहता था. मेरा मकसद गलत नहीं था लेकिन बावजूद इसके मुझ पर 376/117 292, 505 (2), 67( क) जैसी संगीन धाराओं में प्रकरण दर्ज किया गया है जो कि अभियक्ति की आजादी का हनन है.'
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