नईदिल्ली। वर्ष 2017 विभिन्न घटनाक्रमों को लेकर मिला - जुला रहा। इस वर्ष जहां राजनीतिक बदलाव हुए, तो दूसरी ओर, प्राकृतिक आपदाऐं भी जमकर आईं। यह वर्ष वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए, एक महत्वपूर्ण वर्ष माना गया। दरअसल, इस वर्ष के प्रारंभ में जहां देश के सबसे बड़े राज्य उत्तरप्रदेश में विधानसभा का चुनाव हुआ तो, दूसरी ओर अंत में गुजरात विधानसभा के चुनाव हुए। कांग्रेस को करीब 19 वर्ष बाद राहुल गांधी के तौर पर अपना नया अध्यक्ष मिल गया। वर्ष 2017 कांग्रेस के लिए, काफी सकारात्मक रहा। राहुल गांधी के नेतृत्व में पार्टी ने जमकर प्रचार किया।
जिसके कारण और, राजनीतिक समीकरण सफलता के साथ बनाने के चलते कांग्रेस को विधानसभा चुनाव में बड़े पैमाने पर सीटें मिलीं। अब वर्ष 2018 के प्रारंभ की बात की जा रही है। यह वर्ष भाजपा के लिए, चुनावी वर्ष है तो कांग्रेस के लिए, अपने मेक ओवर का वर्ष है। वर्ष 2017 के बाद नए वर्ष में 2018 में भारतीय जनता पार्टी व कांग्रेस के सामने कई तरह की चुनौतियां होंगी। भारतीय जनता पार्टी का ध्यान ऐसे 8 राज्यों में नज़र आ रहा है जहां वर्ष 2018 में इलेक्शन होने हैं। वर्ष 2018 में जिन राज्यों में चुनाव का आयोजन होता है
उसमें कर्नाटक, राजस्थान, मध्यप्रदेश व छत्तीसगढ़ आदि शामिल हैं। यही नहीं नागालैंड, मेघालय, मिजोरम व त्रिपुरा में विधानसभा चुनाव का आयोजन होना है। जिन राज्यों में भाजपा और भाजपा गठबंधन की सरकार है, उन राज्यों में भाजपा को जमकर तैयारी करनी होगी। इन राज्यों में मध्यप्रदेश,छत्तीसगढ़, नागालैंड, कर्नाटक व मिजोरम और मेघालय शामिल हैं। विधानसभा चुनावों में भाजपा या भाजपा समर्थित दलों को अधिक सीटें मिलने से भाजपा राज्यसभा में मजबूत होगी ऐसे में सरकार किसी भी बिल को या विधेयक को विधान बना सकेगी।
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