सहारनपुर : तीन तलाक पर कोर्ट ने जो फैसला लिया उसे सारे देश में सराहा गया. मुस्लिम महिलाओ को समानता का अधिकार दिए जाने के उद्देश्य और उनके अधिकारों का हनन रोकने के मकसद से कोर्ट ने जो निर्णय लिया वो मुस्लिम समुदाय को मंजूर नहीं है. न्यायालय के फैसले के खिलाफ आवाज़ उठाने के लिए ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की बैठक हुई. ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की बैठक में तीन तलाक के खिलाफ सरकार के प्रस्तावित बिल को मुस्लिम पर्सलन लॉ बोर्ड ने दखलअंदाजी करार देते हुए नकार दिया.
बोर्ड के फैसले का खुला समर्थन करते हुए विश्व प्रसिद्ध इस्लामिक शिक्षण संस्था दारुल उलूम देवबंद के मोहतमिम मुफ्ती अबुल कासिम नौमानी ने कहा कि जो फैसला बोर्ड ने लिया है वहीं उनका भी फैसला है. तीन तलाक पर मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का फैसला सामने आने के बाद दारुल उलूम देवबंद के मोहतमिम मुफ्ती अबुल कासिम नौमानी ने कहा कि हम बोर्ड के फैसले का खुला समर्थन करते हैं.
उन्होंने कहा कि दारुल उलूम इस बात की घोषणा पहले ही कर चुका है कि जो फैसला मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का होगा वहीं दारुल उलूम का भी फैसला होगा.
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