आर्थिक संकट से जूझ रही दूरसंचार कंपनी रिलायंस कम्युनिकेशंस (आरकॉम) ने ऋण चुकाने की नई रणनीति बनाई है उस नई रणनीति की घोषणा भी कर दी गई है इस नई रणनीति पर अध्यक्ष अनिल अंबानी ने अपना रुख साफ कर दिया है और कहा है कि जनवरी से मार्च के दौरान विभिन्न कारोबार को बेचकर करीब 25 हजार करोड़ रुपये का ऋण कम किया जायेगा. ये बात उन्होंने निजी चैनल से बात करते हुए कहि है
आपको बता दें कि ऋण चुकाने की नई रणनीति को लेकर अंबानी निजी चैनल से संवाददाताओं से कहा कि कंपनी का ऋण चुकाने की रणनीति तैयार कर ली गई है. लेनदारों का कर्ज शेयर में तब्दील नहीं किया जायेगा और स्पेक्ट्रम, टावर, फाइबर कारोबार बेचकर ऋण भुगतान के लिए राशि जुटाई जाएगी.
साथ ही ये भी उन्होंने कहा कि कंपनी पर 45 हजार करोड़ रुपये का ऋण है जिसे घटाकर छह हजार करोड़ रुपये किया जाएगा. साथ ही रिलायंस कम्युनिकेशंस का जियो के साथ ४जी स्पेक्ट्रम शेयरिंग करार होगा. एसेट बिक्री की प्रक्रिया 49 दिन में पूरी की जाएगी.
वहीँ उन्होंने ये बात भी कहि कि बैंकों को अनिल धीरूभाई अंबानी ग्रुप (एडीएजी) को दिए ऋण राइट ऑफ नहीं करने होंगे, बल्कि कुछ सप्ताह में लेनदारों के मामले सुलझा लिए जाएंगे. ऋण चुकाने की रणनीति के तहत अब उनका कारोबार बिजेनस-टु-बिजेनस श्रेणी में आ जाएगा. आरकॉम की हिस्सेदारी खरीदने के लिए अब तक करीब नौ ऑफर आ चुके हैं.
अंबानी ने कहा कि रणनीतिक ऋण पुनर्गठन (एसडीआर) से बाहर निकलने के उद्देश्य से यह ऋण चुकाने की योजना तैयार की गयी है.इस योजना में स्पेक्ट्रम की देनदारी हस्तांतरित करना भी शामिल है. उन्होंने कहा कि नवी मुंबई स्थित धीरूभाई अंबानी नॉलेज सेंटर की 125 एकड़ भूमि मौद्रिकरण की नीति के तहत विकसित की जायेगी.वहां एकीकृत सूचना प्रौद्योगिकी टाउनशिप विकसित किया जायेगा जिससे ऑरकॉम के ऋण में 10 हजार करोड़ रुपये की कमी आयेगी. इस तरह से ऑरकॉम का ऋण घटकर छह हजार करोड़ रुपये पर आ जायेगा. ऑरकॉम के ऋण को लेकर राष्ट्रीय कंपनी लॉ न्यायाधिकरण में कई मामले दर्ज किये जा चुके हैं
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