मोदी सरकार की नीतियों, किसानो की अनदेखी और लोकपाल बिल को लेकर सामाजिक कार्यकर्त्ता अन्ना हज़ारे एक बार फिर रामलीला मैदान पर अनशन पर बैठने की तैयारी में है. ये जानकारी अन्ना हज़ारे ने खुद खजुराहो में एक सभा को सम्बोधित करने के दौरान दी. अन्ना 23 मार्च 2018 से अनशन पर बैठेंगे. खजुराहो के शिल्प ग्राम में राष्ट्रीय सूखा मुक्त जल सम्मलेन में शामिल होने के लिए आये, अन्ना ने सरकार पर लोकपाल बिल के सन्दर्भ में धोखा करने का आरोप लगाया.
उन्होंने ये भी कहा कि सरकार को जनता को जवाब देना होगा. किसानो की दयनीय स्थिति के लिए केंद्र सरकार जिम्मेदार है. आत्महत्या करने वाले और आंदोलन में मारे गए किसानों के लिए पेंशन की मांग के साथ, उपज का सही समर्थन मूल्य और कर्ज माफ़ी का मुद्दा भी अन्ना के आंदोलन का हिस्सा है.
समाज-सेवी अन्ना इस से पहले भी लोकपाल बिल को लेकर आंदोलन कर चुके है, जिसे पूरे देश में सराहा गया था. मगर अरविन्द केजरीवाल और साथियो के राजनितिक पार्टी बना लेने से अन्ना अकेले पड़ गए और उनकी आवाज़ दबा दी गई थी. अन्ना ने उस वक़्त भी कहा था कि, वे चुप नहीं बैठने वाले. साथ ही अन्ना ने कहा था, कि वे राजनीती में नहीं आएंगे.
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मन की बात करने वाले कब करेंगे किसान हित की बात - अन्ना