लखनऊ। उत्तरप्रदेश के झांसी जिले में नियुक्त स्टेनो को भारतीय सेना से संबंधित सूचनाऐं लीक करने के मामले में दोषी बताया गया है। दरअसल यह कर्मचारी राघवेंद्र अहिरवार है जो कि जिला एसडीएम कार्यालय में स्टेनो है। राघवेंद्र अहिरवार पर आरोप थे कि वह सेना से संबंधित खुफिया जानकारियाॅं पाकस्तान की एजेंसी आईएसआई को दिया करता था। राघवेंद्र अहिरवार ने जानकारी देते हुए कहा कि एक व्यक्ति ने 2009 से ही स्वयं को मेजर यादव बताता है वह अपनी पदस्थापना बबीना बताता था।
उसने ये खुफिया जानकारियाॅं अहिरवार से प्राप्त की थीं। मेजर यादव अपने नंबर बदलकर काॅल किया करता था। हाॅं काॅल करने वाले नंबर 9 अंकों के होते थे जिस पर कोई भी काॅल बैक नहीं कर सकता था। पत्र के उपर प्रतिबंधित यानी रेस्ट्रिक्टेड लेटर लिखा रहता थाए उसके बावजूद राघवेन्द्र उसमें अंकित सूचनाएं कि कौन सी यूनिट कहां पर किस अवधि में फायरिंग अभ्यास करेगी को अनाधिकृत रूप से अनाधिकृत व्यक्ति को देता था।
उस पर शासकीय गोपानीय अधिनियम के अंतर्गत कार्रवाई की जा रही है। जिस प्रवक्ता ने इस मामले में मीडिया को जानकारी दी है कथित तौर पर कहा है कि मेजर यादव नामक कोई व्यक्ति अस्तित्व में नहीं है जो बबीना में लगातार नियुक्त रहा हो। यह जानकारी भी सामने आई है कि फायरिंग रेंज में कम कौन सी यूनिट अभ्यास करती है इस बात की पुष्टि नहीं होती है
जानकारी सामने आई है कि यादिव प्रतिबंधित सूचनाऐं इंटरनेट काॅल करने वाले व्यक्ति को दिया करता था। अहिरवार पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। हालांकि उसे 7 वर्ष से कम उम्र की सजा हो सकती है। एटीएस द्वारा उस व्यक्ति के विरूद्ध न्यायालय में आरोप पत्र दायर किए जा सकते हैं। गौरतलब है कि एसडीएम कार्यालय झांसी में अहिरवार भारतीय सेना से संबंधित पत्राचारों को देखा करता था। इन अभिलेखों को मेंटेन किया करता था।
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