लगातार बढ़ता प्लास्टिक और कूड़ा कचरा बहुत से समुद्री तटों की खूबसूरती उजाड़ रहा है. ऐसे तटों की सूची में अब ताड़ के पेड़ों से घिरा बाली का खूबसूरत समुद्र तट भी शामिल हो गया है. सर्फिंग और धूप सेंकने के शौकीन पर्यटक ही यहाँ प्लास्टिक का कूड़ा और खाने के पैकेट फेंककर इस बीच की खूबसूरती पर दाग लगा रहे हैं.
पर्यटकों का कहना है कि चहहकर भी यहाँ तैर नहीं सकते क्योंकि यहां हर दिन, हर समय कचरा पड़ा रहता है. 17,000 से अधिक द्वीपों का यह खूबसूरत द्वीपसमूह अब कचरे के तले दाब रहा है. हालत इतनी गंभीर है कि समुद्री कचरा पैदा करने के मामले में यह चीन के बाद दुनिया में दूसरे नंबर पर है. इंडोनेशिया में सालाना 12.9 लाख टन कचरा पैदा होता है. समस्या अब गंभीर होने लगी है. पिछले माह बाली में जिमबारन, कूटा और सेमियांक जैसे लोकप्रिय समुद्री तटों सहित करीब छह किलोमीटर के समुद्र तट पर कचरे के कारण आपात स्थिति की घोषणा करनी पड़ी.
समस्या से निजाद के लिए अधिकारियों ने हर दिन तकरीबन 100 टन कचरे को पास के लैंडफिल तक ले जाने के लिए 700 सफाईकर्मियों और 35 ट्रकों को तैनात किया. गौरतलब है कि संयुक्त राष्ट्र के पर्यावरण की क्लीन सी मुहिम में करीब 40 देश शामिल है, जिनमें इंडोनेशिया भी है. इस मुहिम का लक्ष्य समुद्र को दूषित करने वाले प्लास्टिक के कचरों पर लगाम लगाना है.
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