कल गुरुवार को पेसलवीड कॉलेज देहरादून में प्रिंसिपल प्रोग्रेसिव स्कूल एसोसिएशन द्वारा आयोजित प्रधानाचार्य एवं अध्यापकों के तीन दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का शुभारम्भ हुआ. इस कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्यमनत्री त्रिवेंद्र सिंह ने किया. इस ख़ास अवसर पर उन्होंने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि, शिक्षा का संबंध केवल रोजगार तक सीमित नहीं है. शिक्षा को रोजगारपरक होने के साथ सांस्कारिक होना जरूरी है. शिक्षा सकारात्मक जीवन और सोच प्रदान करने वाली होनी चाहिए.
मुख्यमंत्री ने बताया कि, किसी भी उद्देश्य की प्राप्ति के लिए मन में आशा और विश्वास होना ज़रूरी है. यह शिक्षा के रचनात्मक संस्कार से ही संभव है. शिक्षा का मतलब सह अस्तित्व एवं पारस्परिकता है. समाज के सर्वांगीण विकास के लिए समाज के पिछड़े वर्गों को साथ लेकर चलना ज़रूरी है. यह सबके शिक्षा के स्तर में सुधार से ही संभव है. उन्होंने कहा कि भारत शिक्षा के क्षेत्र में हमेशा से ही अग्रणी रहा है. शिक्षा के स्तर को जितनी ऊंचाई तक पहुंचेगा, उतनी ही तेजी से देश एवं प्रदेश का विकास होगा.
मुख्यमंत्री के बाद माध्यमिक शिक्षा महानिदेशक कैप्टन आलोक शेखर तिवारी ने अपने सम्बोधन में कहा कि, राज्य में शिक्षा के तीव्र विकास के लिए प्रत्येक ब्लॉक में एक-एक मॉडल स्कूल विकसित किए जा रहे हैं. स्कूलों में मूलभूत सुविधा उपलब्ध कराने के लिए सीएसआर सेल का गठन किया गया है.
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