कर्मचारियों को न्यूनतम वेतन में वृद्धि की आस

कर्मचारियों को न्यूनतम वेतन में वृद्धि की आस
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किसी काम में देरी की भी एक सीमा होती है.सातवें वेतन अायोग की सिफारिशें सामने आए आए 18 महीने पूरे होने वाले हैं,लेकिन अब तक न्यूनतम वेतन में वृद्धि की प्रक्रिया अभी भी अधूरी है. अभी तक यह निश्चित नहीं हुआ है कि न्यूनतम वेतन में वृद्धि होगी भी या नहीं. हालाँकि केंद्र सरकार कर्मचारियों को दो माह से आश्वासन दे रही है.

उल्लेखनीय है कि जस्टिस एके माथुर के नेतृत्व वाले सातवें वेतन आयोग ने अपनी रिपोर्ट में केंद्रीय कर्मचारियों के न्यूनतम वेतन को 18,000 से बढ़ाकर 21,000 रुपये करने की सिफारिश की थी.जबकि केंद्रीय कर्मचारी यूनियनों ने उनके न्यूनतम वेतन को 18,000 से बढ़ाकर 26,000 रुपये किये जाने की मांग की थी. मीडिया रिपोर्ट की मानें तो इस बात की संभावना बहुत ही कम है कि सरकार केंद्रीय कर्मचारियों के न्यूनतम मूल वेतन में कोई वृद्धि करेगी.

हालाँकि पिछले दो महीनों से केंद्र सरकार कर्मचारियों को लगातार आश्वासन दे रही है, कि फिटमेंट फैक्टर और सैलरी में इजाफा किया जाएगा. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने अगले साल के आरम्भ में न्यूनतम वेतन में वृद्धि का आश्वासन दिया था. जबकि मीडिया रिपोर्ट के अनुसार न्यूनतम वेतन में वृद्धि की संभावना फिलहाल नहीं है.  इस मामले में सामंजस बना हुआ है 

 

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