खबर है कि पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, प्रतिभा देवी सिंह पाटिल सहित पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, एचडी देवगौड़ा और मनमोहन सिंह को जल्द अपना सरकारी आवास खाली करना पड़ सकता है. भारत के पूर्व सॉलिसिटर जनरल और एमीकस क्यूरी (न्याय मित्र) गोपाल सुब्रह्मण्यम ने सुप्रीम कोर्ट में इस बाबद एक रिपोर्ट सबमिट की है, जिस पर यदि सुप्रीम कोर्ट मोहर लगा देता है तो इन पूर्व शीर्ष नेताओं को अपना सरकारी आवास छोड़ना पड़ सकता है.
दरअसल, उत्तर प्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्रियों को सरकारी आवास मिलने संबंधी कानून बनाए जाने को लेकर एक एनजीओ ने पीआईएल दायर की थी. जस्टिस गोगोई और जस्टिस आर. भानुमति की बेंच ने एमीकस क्यूरी सुब्रह्मण्यम को इस मामले पर अपनी रिपोर्ट देने को कहा था. एमीकस क्यूरी सुब्रह्मण्यम का कहना है कि, "पद छोड़ने के बाद ऐसे शीर्ष नेताओं को सरकारी ऑफिस की तरह सरकारी आवास भी खाली कर देना चाहिए. क्योंकि, पद से मुक्त होने के बाद वे आम भारतीय नागरिक हो जाते हैं. ऐसे में उन्हें अन्य आम नागरिकों से ज्यादा सुविधाएं नहीं मिलनी चाहिए."
एमीकस क्यूरी के मुताबिक, “पूर्व राष्ट्रपति, पूर्व प्रधानमंत्री और पूर्व मुख्यमंत्रियों को सरकारी आवास देना समानता के अधिकार का उल्लंघन है.” हालांकि, एमीकस क्यूरी सुब्रह्मण्यम ने यह सभी कहा कि पद से मुक्त होने के बाद उन्हें मिलने वाली सुविधाएं जैसे प्रोटोकॉल, पेंशन और रिटायरमेंट के बाद मिलने वाली बाकी सुविधाएं, वैसी ही बनी रहनी चाहिए.
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