जम्मू. सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने जम्मू-कश्मीर के स्कूलों, मदरसा और मस्जिद में भारत और जम्मू-कश्मीर का नक्शा अलग-अलग पढ़ाए जाने पर चिंता व्यक्त करते हुए राज्य की शिक्षा प्रणाली में सुधार की ज़रूरत बताई. जनरल बिपिन रावत ने सेना की एनुअल प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि भारत और जम्मू-कश्मीर के नक्शों को अलग-अलग पढ़ाने से छात्रों को कट्टरवाद और अलगाववाद की ओर धकेला जा रहा है.
जनरल रावत ने कहा, “कश्मीर के सरकारी स्कूलों में ग़लत चीज़ें पढ़ाई जा रही हैं. वहां समस्या जड़ से है. सेना पर पत्थर फेंकने वाले इस विकृत शिक्षा प्रणाली की वजह से सामने आ रहे हैं. दुख की बात ये है कि जो अध्यापक पढ़ा रहे हैं वह भी इसी सिस्टम में पले-बढ़े हैं.” जनरल ने राज्य की शिक्षा प्रणाली की समीक्षा की जरूरत बताते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर के प्रत्येक सरकारी स्कूल में इस राज्य और भारत के मानचित्र अलग-अलग बताए जा रहे हैं, जिनसे बच्चों बच्चों में शुरू से ही यह भावना घर कर जाती है कि वे देश से अलग हैं. जबकि भारत के किसी भी राज्य में ऐसा नहीं किया जाता.
जनरल रावत ने कहा कि इससे उन छात्रों के दिमाग में यह बात आएगी कि वे देश के अन्य बच्चों से अलग और विशेष हैं. जनरल ने सोशल मीडिया पर निशाना साधते हुए कहा, कि जम्मू-कश्मीर में सोशल मीडिया दुष्प्रचार का साधन बन गया है. सोशल मीडिया ने इस राज्य में बहुत नुकसान पहुंचाया है.
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