सरकार हवाई ईंधन को जीएसटी के दायरे में लाने की तैयारी में है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार विमानन मंत्रालय ने इसकी अनुशंसा कर दी है. पूरे हवाई मार्ग क्षेत्र को जीएसटी में लाने के प्रयास किये जा रहे है. यदि ऐसा हो गया तो एयरलाइंस कंपनियों को बड़ी राहत तो मिलेगी ही उनकी लागत भी घट जाएगी.
इस बारे में केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा ने बताया कि 2018 में एयर इंडिया का पूरा विनिवेश करने का लक्ष्य है. एयर इंडिया में सरकार की भागीदारी को वित्त मंत्रालय निश्चित करेगा. विनिवेश के बाद भी एयर इंडिया भारतीयों के हाथ में ही रहेगी. सरकार एयर इंडिया में स्ट्रैटेजिक विनिवेश के माध्यम से हिस्सेदारी बेचेगी. ऐसे में सरकार अपना बड़ा हिस्सा भी बेच सकती है.
केंद्रीय मंत्री के अनुसार एयरलाइन क्षेत्र में सुधार पर सरकार का विशेष ध्यान है. भारत में आगामी 15-20 साल में 200 एयरपोर्ट के अलावा 1500-2000 एयरक्राफ्ट होंगे जिससे यात्रियों के फेरे 5 गुना हो जाएंगे. सिन्हा ने कहा कि हवाई किराए बाजार के आधार पर तय होते हैं,प्रतियोगी विरोधी गतिविधियों पर सरकार की नज़र है. इस बार के बजट में उन्होंने आम आदमी के लिए राहत मिलने की बात कही.
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