गुजरात चुनाव में गेम चेंजर के रोल में नजर आने वाले हार्दिक पटेल के घर पर वोटो की गिनती वाले दिन सन्नाटा पसरा हुआ था. परिवार के सदस्य ही नहीं बल्कि कोई प्रशंसक उनके यहां मौजूद नहीं थे. जब उनके घर निजी चैनल के रिपोर्टर पहुंचे, तो देखा कि उनके घर पर कोई नहीं है खाली माँ है. जब उनसे बात करने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने बात करने से मना कर दिया. साथ ही उन्होंने कहा कि हार्दिक के पिता भरत पटेल भी घर पर मौजूद नहीं हैं.
आपको बता दें पाटीदार आंदोलन से उभर के आए इस समिति के नेता हार्दिक पटेल के परिजन, अहमदाबाद से कुछ 50 किलोमीटर दूर विरमगाम कस्बे में रहते हैं जब निजी चैनल के रिपोर्टर से उनकी माँ ने कहा, "मुझे नहीं पता कि हार्दिक कहां है. मैं कुछ और नहीं कहना चाहती.
गौरतलब है कि हार्दिक रविवार को अहमदाबाद में ही मौजूद थे, उन्होंने चुनाव नतीजों में हार का ठीकरा ईवीएम पर फोड़ते हुए कहा, "ये चाणक्य की रणनीति नहीं है. विपक्षी दलों को ईवीएम हैक के ख़िलाफ एकजुट होना चाहिए. अगर एटीएम हैक हो सकता है तो ईवीएम क्यों हैक नहीं हो सकता."
24 वर्षीय हार्दिक पटेल ने गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए धुंआधार प्रचार किया. उन्होंने कई बड़ी रैलियां कीं, जिसमें भारी भीड़ उमड़ी. इन रैलियों में उन्होंने बीजेपी को हराने का आह्वान किया. कांग्रेस को उम्मीद थी कि हार्दिक की ये अपील उन्हें सत्ता दिलाने में मददगार साबित होगी. लेकिन अंत में कांग्रेस की ये उम्मीद टूट गई और बीजेपी ने बहुमत के साथ जीत हासिल की.
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