नेपाल में आयोजित हुए प्रांतीय और संसदीय चुनाव को संघीय लोकतंत्र अपनाने की दिशा में अंतिम कदम माना जा रहा है. यह देश साल 2006 तक एक दशक तक चले गृहयुद्ध से गुजर चुका है. मतों की गणना में सीपीएन-यूएमएल 44 सीटों पर आगे चल रही है, नेपाल में हो रहे ऐतिहासिक चुनाव में वामपंथी गठबंधन को अब तक घोषित 30 संसदीय सीटों के नतीजों में से कम से कम 26 सीटों पर जीत मिली है और वह विपक्षी पार्टी नेपाली कांग्रेस के खिलाफ बढ़त बनाए है.
नेपाली कांग्रेस को सिर्फ तीन सीटों पर ही जीत हासिल हुई है. अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी. नेकपा एमाले (सीपीएन-यूएमएल) ने 18 सीटें जीती जबकि उसके सहयोगी दल सीपीएन माओइस्ट सेंटर ने आठ सीटों पर जीत हासिल की. विपक्षी पार्टी नेपाली कांग्रेस ने तीन सीट पर जीत दर्ज की. संसदीय चुनाव के लिए कुल 1,663 उम्मीदवार जबकि राज्य विधानसभा चुनाव के लिए 2,819 उम्मीदवार मैदान में थे.
विरोध भी हुआ : नेपाल में नए संविधान स्वीकार किए जाने के बाद जातीय मधेसी समूह ने कई महीनों तक विरोध प्रदर्शन किया था. इनमे जयादातर लोग भारती मूल के है. समूह का कहना था कि उन्हें एक प्रांत में ज्यादा क्षेत्र नहीं दिया जा रहा है और वह भेदभाव का भी सामना कर रहे हैं. नए संविधान को लागू करने की दिशा में इस चुनाव का बड़े कदम के रूप में देखा जा रहा है.
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नेपाली जनता चुन रही प्रधानमंत्री