जब किसी पर राहु की बुरी दशा चल रही है तो वह उससे बचने के लिए गोमेद रत्न को धारण कर सकता है यह रत्न चिकना होता है जब राहू की बुरी दशा चल रही होती है जब इसे धारण किया जाता है रोजगार पाने में जब विशेष प्रकार से व्यवधान पड़ने पर, धन स्थिर नहीं रहता हो, मन अशांत रहता हो, घर में मन नहीं लगता हो तब सही कुण्डली का आकलन करके इसे धारण करना चाहिए।
लाल, काला या पीला रंग युक्त गोमेद उत्तम माना जाता है गोमेद रत्न को कई तरह से पहचाना जा सकता है. कुंडली में यदि राहू विराजमान है और वह 1,4,7,10, भाव में विराजमान होता है तो गोमेद रत्न धारण करे. जो व्यक्ति राजनीती में है या जाने की ईच्छा रखते है उन्हें भी गोमेद रत्न धारण करना चाहिये इससे राहू आपके मार्ग में बाधक नहीं बनेगा.
मन में अच्छा विचार रखने वाले व्यक्ति को भी गोमेद रत्न धारण करना चाहिए क्योकि उस समय राहू भी उस व्यक्ति के लिए वह शुभ भाव का स्वामी होता है और सूर्य के साथ युति बनाए रखता है
शनिवार के दिन चांदी या अष्ट धातु में जड्वाकर शाम के समय विधि अनुसार उसकी उपासना करने के बाद उसे धारण करना चाहिए
ऐसे पहचाने असली गोमेद रत्न
जिन व्यक्ति के नामो में आते है अक्षर दो बार वे होते है....
427 साल बाद यह पितृ मोक्ष लेकर आया है इस बार कुछ ख़ास
सारी समस्याओं का होगा निवारण बस शुक्रवार को करना होगा ये काम
फेंगशुई की ये चीजें घर में रखने मात्र से होंगे फायेदे ही फायेदे