इशरत जहां फर्जी मुठभेड़ मामले में, दो खुफिया ब्यूरो के अधिकारियों की दायर की गई याचिका पर, अहमदाबाद की एक विशेष सीबीआई अदालत द्वारा 23 जनवरी को आदेश सुनाने की संभावना है. याचिका में इशरत जहां फर्जी मुठभेड़ मामले में एक मजिस्ट्रेट द्वारा उन्हें जारी किये गए समन को चुनौती दी गई है.
कथित फर्जी मुठभेड़ के समय केंद्रीय सहायक खुफिया अधिकारी रहे राजीव वानखेड़े और टी एस मित्तल ने यहां की मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट की अदालत द्वारा जारी समन को चुनौती देते हुए याचिका दायर की थी. उनकी याचिकाओं पर सीबीआई न्यायाधीश जे के पांड्या ने 23 जनवरी तक अपना आदेश सुरक्षित रख लिया. दरअसल यहाँ की निचली अदालत ने राजीव वानखेड़े और टी एस मित्तल सहित दो अन्य केंद्रीय खुफिया ब्यूरो के विशेष निदेशक राजेंद्र कुमार और अधिकारी एम एस सिन्हा को, इशरत मामले में सीबीआई द्वारा उनके खिलाफ दायर पूरक आरोप पत्र के आधार पर, समन जारी किया था. सीबीआई ने उन पर हत्या, आपराधिक साजिश, अवैध हिरासत और अपहरण का आरोप लगाया है.
मालूम हो कि, साल 2004 में गुजरात में एक पुलिस मुठभेड़ में इशरत जहां की मौत हो गई थी. बाद में अमेरिकी आतंकी डेविड कोलमैन हेडली ने सनसनीखेज खुलासा करते हुए बताया था कि इशरत जहां पाकिस्तानी आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा की फिदायीन आतंकी थी.
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