नई दिल्ली : इन दिनों सुप्रीम कोर्ट में वकीलों द्वारा चीखकर दलीलें देने या चिल्लाने की घटनाएं बढ़ने लगी है. पिछले दिनों अयोध्या मामले की सुनवाई के दौरान वरिष्ठ वकील राजीव धवन द्वारा चिल्लाकर दलीलें देने की घटना के बाद बुधवार को एक महिला वकील द्वारा चिल्लाने पर शीर्ष अदालत नाराज हो गई और जस्टिस एके सिकरी ने महिला वकील को फटकार लगाई .
दरअसल हुआ यूँ कि जस्टिस सिकरी की पीठ सुब्रत चटर्जी बनाम सेबी का केस सुन रही थी. वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी, प्रताप वेणुगोपाल, महेश अग्रवाल की मौजूदगी में जब पराग त्रिपाठी अपनी दलीलें रख रहे थे, तभी वकीलों के बीच खड़ी एक महिला ने चिल्लाते हुए कहा कि उन्हें दलीलें रखने का अधिकार नहीं है. इस पर कोर्ट ने उन्हें रोका लेकिन कोर्ट के टोकने पर भी महिला बोलती रही. इस पर शांत स्वभाव वाले सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एके सिकरी महिला वकील के रवैये पर धैर्य खो बैठे और उन्होंने महिला को फटकार लगाते हुए कहा कि मुझे चिल्लाकर बात करने वाले वकीलों से एलर्जी है.
आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में वकीलों के चिल्लाने की यह कोई पहली घटना नहीं है. पिछले कुछ दिनों में ऐसी घटनाएं बार-बार हो रही हैं.गत 5 दिसंबर को अयोध्या विवाद और 6 दिसंबर को दिल्ली सरकार के केस में वरिष्ठ वकील राजीव धवन ने चिल्लाकर दलीलें रखी थीं.चीफ जस्टिस ने इस पर आपत्ति जताते हुए 8 दिसंबर को तल्ख टिप्पणी की थी. इसे अपना अपमान बताकर धवन ने वकालत से संन्यास ले लिया था .बता दें कि कोर्ट के पास ऐसे वकीलों के खिलाफ कार्रवाई के कानूनी अधिकार हैं.कोर्ट जुर्माना लगाने से दर्जा छीनने तक के अधिकार का इस्तेमाल कर सकती है .
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