नईदिल्ली। सर्वोच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार की नोडल एजेंसी को आदेश जारी कर दिया। इस दौरान इंटरनेट कंपनियों गूगल, याहू और माइक्रोसाॅफ्ट के विभिन्न धारकों की बैठक आयोजन किया गया। इस बैठक में इन विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि इंटरनेट पर सेक्स निर्धारण सामग्री का प्रकाशन और प्रसारण प्रतिबंधित कर दिया जाए। नोडल एजेंसीज़ को जानकारी दी गई जिसमें कहा गया कि इंटरनेट कंपनीज़ गूगल, याहू और माइक्रोसाॅफ्ट के साथ विभिन्न धारकों की बैठक आयोजित करने के निर्देश दिए गए।
इंटरनेट सेवा प्रदाता कंपनियों को आदेश दिया गया कि वे विशेषज्ञों की समिति का गठन करें जिससे लिंग परीक्षण को लेकर आवश्यक कदम उठाए जाऐं और वह सामग्री जो प्रसव पूर्व लिंग परीक्षण से जुड़ी सामग्री को इंटरनेट से हटा दें। मिली जानकारी के अनुसार 19 सितंबर 2006 को सर्वोच्च न्यायालय ने इस मामले में गूगल, याहू और माइक्रोसाॅफ्ट को इस मामले में कार्य करने के लिए कहा।
उन्हें कहा गया कि वे इस तरह के शब्द तक हटा दें जो कि लिंग परीक्षण से जुड़ी सामग्री से संबंधित हो। यही नहीं निर्देश दिए गए कि पीसीपीएनडीटी अधिनियम का जिन बातों से उल्लंघन होता हो उसे इंटरनेट से हटा दिया जाए।
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