पिछले साल पंद्रह अगस्त के बाद सरकार द्वारा आदेश दिया गया था कि सभी शैक्षणिक संस्थान 2022 तक, पीएम नरेंद्र मोदी के न्यू इंडिया विज़न को साकार करने के लिए काम करने की प्रतिज्ञा लें. इसके अलावा सभी अपने संस्थानों के परिसर में पीएम की तस्वीर भी लगाएं.परंतु सरकार के इस आदेश को मानने से उत्तराखंड के मदरसों ने इंकार कर दिया है.
उत्तराखंड मदरसा शिक्षा बोर्ड के डिप्टी रजिस्ट्रार हाजी अकलाख अहमद ने इस आदेश पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि, बोर्ड के अधिकारियों ने मीटिंग में धार्मिक कारणों से पीएम की तस्वीर ना लगाने का फैसला लिया है. अहमद ने कहा, “तमाम मदरसों ने मीटिंग में कहा है कि इस्लाम में किसी भी व्यक्ति की तस्वीर लगाना हराम है. इसलिए पीएम मोदी की तस्वीर मदरसा परिसर में लगाई जाए, इसका सवाल ही नहीं है.”
गौरतलब है कि पिछले साल स्वतन्त्रता दिवस पर जारी किए गए इस सरकारी आदेश के बाद, अल्पसंख्यक कल्याण विभाग ने भी विभाग के अधिकारियों से इस आदेश का पालन करने के लिए कहा था. परंतु धार्मिक कारणों से मदरसों द्वारा पीएम मोदी की तस्वीर परिसर में ना लगाए जाने का फैसला किया गया है. इस फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए देहरादून के जिला अल्पसंख्यक अधिकारी जेएस रावत ने कहा कि “ये आदेश सभी सरकारी संस्थानों के लिए जारी किया गया है. हालांकि किसी को भी उसके धर्म के विपरीत इस आदेश को मानने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता है.”
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