लखनऊ: बसपा ने आज यहां बयान जारी कर कहा कि मायावती का यह आरोप भाजपा शासित महाराष्ट्र में पुणे के भीमा-कोरेगाँव क्षेत्र में जातीय हिंसा और उन्माद फैलाने के बाद खासकर दलितों पर सरकारी दमनचक्र चलाकर सैकड़ों लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करके उनकी गिरफ्तारी करने के परिप्रेक्ष्य में है. इसमें कहा गया है कि मायावती ने इस गम्भीर विषय पर संसद में चर्चा के लिए तैयार नहीं होने पर सत्ताधारी भाजपा और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली केन्द्र सरकार की तीखी आलोचना की.
बसपा प्रमुख मायावती ने आज आरोप लगाया कि हिन्दुत्ववादी शक्तियाँ सरकारी शह और संरक्षण के कारण धार्मिक अल्पसंख्यकों और दलितों को जातिवादी हिंसा का शिकार बना रही हैं. उन्होंने कहा,''कट्टरपंथी भगवा हिन्दुत्ववादी शक्तियाँ सरकारी संरक्षण के कारण धार्मिक अल्पसंख्यकों व दलितों को भी अपनी जातिवादी हिंसा का शिकार बना रही हैं और इस प्रकार इन घटनाओं के माध्यम से अपनी सरकार की जनविरोधी गम्भीर कमियों व घोर विफलताओं पर से लोगों का ध्यान बाँटने का प्रयास कर रही है.''
बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि महाराष्ट्र की भाजपा सरकार दलितों को संरक्षण देने में विफल रही जबकि मोदी सरकार इस सम्बन्ध में जिम्मेदारी तय करने और देश को आश्वस्त करने में विफल रही है. उन्होंने कहा कि अब महाराष्ट्र में भी जनमानस काफी तंग आकर उठ खड़ा हुआ है. यह सिलसिला अब रुकने वाला नहीं लगता है क्योंकि भाजपा की सरकारों में इन वर्गों पर अत्याचार, पक्षपात, अन्याय व जातीय हिंसा का दौर थमने का नाम ही नहीं ले रहा है.
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