नई दिल्ली : राजनीति में शुचिता लाने का वादा करने वाली दिल्ली में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) ने संजय सिंह, एनडी गुप्ता और सुशील गुप्ता को राज्य सभा भेजने की जैसे ही घोषणा की आलोचनाओं का पिटारा खुल गया. इस मामले में पार्टी के पूर्व नेता और विधायक कपिल मिश्रा ने भी सबसे अधिक तीखी टिप्पणी की.
बता दें कि कपिल मिश्रा ने स्पष्ट कहा कि राज्यसभा कैसे जाते हैं आज दिख गया. पार्टी को लीडर और डीलर में से एक को चुनना था सो चुन लिया. गौरतलब है कि संजय सिंह के अलावा बाकी के दो उम्मीदवार नारायण दास गुप्ता और सुशील गुप्ता कभी पार्टी से जुड़े नहीं रहे फिर भी उन्हें उम्मीदवार बनाया गया है .आप पार्टी के इस फैसले से सब चकित हैं . पार्टी के वरिष्ठ नेता संजय सिंह के नाम पर तो किसीको आपत्ति नहीं है , लेकिन जो दो अन्य लोगों को चुना गया है, उससे पार्टी की मंशा पर सवाल खड़े हो गए हैं.
आपको बता दें कि इसके पूर्व कल ही कपिल मिश्रा ने दिल्ली के सीएम केजरीवाल पर राज्य सभा की दो सीटें बेचने का आरोप लगाया था. उनकी आशंका सच साबित हुई.ऐसे में लगता है कि सीएम केजरीवाल द्वारा आज विधायकों के साथ बैठक करना नाटक था? जबकि इन दो उम्मीदवारों के नाम पहले से ही तय थे. क्या इसीलिए कुमार विश्वास और आशुतोष के नामों को सूची में शामिल नहीं किया गया ?
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