उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अंधविश्वासी नहीं है इसका प्रमाण देते हुए सीएम योगी ने एक कथित तौर पर खतरनाक अंधविश्वास को दरकिनार कर 25 दिसंबर को नोएडा जाएंगे. वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्वागत करने के लिए नोएडा जायेंगे. मोदी नोएडा-कालकाजी मेट्रो लाइन का उद्घाटन करेंगे. अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री ने नोएडा न जाने की सलाह ठुकराते हुए कार्यक्रम में जाना तय कर लिया है. योगी को नोएडा न जाने की सलाह इसलिए दी गई है, क्योंकि कई पूर्ववर्ती मुख्यमंत्री नोएडा जाकर अपनी कुर्सी गंवा चुके हैं.
योगी से पहले मुख्यमंत्री रहे अखिलेश यादव पांच साल के अपने कार्यकाल में कभी नोएडा नहीं गए, बल्कि परियोजनाओं और सड़कों का उद्घाटन लखनऊ स्थित आधिकारिक आवास 5, कालिदास मार्ग से ही रिमोट के जरिए किया करते थे. 29 वर्षो में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती को छोड़कर उत्तर प्रदेश के किसी भी मुख्यमंत्री ने कभी नोएडा जाने की जहमत नहीं उठाई. मायावती चार बार नोएडा गईं और सत्ता गंवा बैठीं.
वर्ष 1988 में वीर बहादुर सिंह नोएडा जाने के तुरंत बाद सत्ता गंवा बैठे थे. वर्ष 1989 में नारायण दत्त तिवारी, 1995 में मुलायम सिंह यादव, 1999 में कल्याण सिंह और 2012 में मायावती के साथ भी ऐसा हो चुका है.
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