नई दिल्लीः संसद की एक स्थायी समिति ने रेलवे से पूछा है सवाल . जिसमें उन्होंने कहा कि वह लक्जरी ट्रेनों का परिचालन सिर्फ 30 प्रतिशत बुकिंग के साथ क्यों कर रही है. बताया जा रहा है कि रेल पर संसद की स्थायी समिति ने संसद में पर्यटन संवद्र्धन और तीर्थाटन र्सिकट पर अपनी रिपोर्ट पेश की. उस रिपोर्ट में कहा गया है कि मंत्रालय को स्थिति-सुधार के उपाय करने चाहिए.
संसद द्वारा गठित समिति के अनुसार महाराजा एक्सप्रेस, गोल्डन चैरियट, रायल राजस्थान आन व्हील्स, डेक्कन ओडिसी और पैलेस आन व्हील्स ट्रेनों में 2102 से 2017 के दौरान खाली सीटों की संख्या क्रमश: 62.7 प्रतिशत, 57.76 प्रतिशत, 45.46 प्रतिशत और 45.81 प्रतिशत रही है. तृणमूल कांग्रेस के सांसद सुदीप बंध्योपाध्याय की अगुवाई वाली समिति ने कहा कि सबसे चौंकाने वाला मामला महाराजा एक्सप्रेस का है.
यह ट्रेन पूरी तरह भारतीय रेल द्वारा चलाई जाती है। 2012-13, 2103-14, 2014-15, 2015-16 और 2016-17 में इस ट्रेन में यात्रियों की औसत संख्या क्षमता के क्रमश:29.86 प्रतिशत, 32.33 प्रतिशत, 41.8 प्रतिशत, 41.58 प्रतिशत और 36.03 प्रतिशत रही. बताया जाता है कि यह रिपोर्ट ऐसे समय आई है जबकि रेलवे बोर्ड के चेयरमैन अश्विनी लोहानी ने व्यापार और यात्रा पर अंशधारकों के साथ पहला परिचर्चा सत्र आयोजित है.
रेलवे की इस पहल का मकसद रेलवे के माध्यम से पर्यटन को प्रोत्साहन देना है.रिपोर्ट में कहा गया है कि समिति ने लक्जरी ट्रेनों में यात्रियों की कमी के मामले को गंभीरता से नहीं लेने के लिए रेल मंत्रालय की आलोचना की है. समिति ने कहा है कि मंत्रालय को इसकी उचित तरीके से समीक्षा के बाद बताना चाहिए कि ऐसी ट्रेनें सिर्फ 30 प्रतिशत यात्रियों के साथ क्यों चलाई जा रही हैं.
शीतकालीन सत्र के आखिरी दिन फंसा ‘तीन तलाक’ बिल
तीन तलाक बिल पर शाम 4.30 बजे होगी बहस
मुस्लिम महिला ने की नेताओं से तीन तलाक को लेकर अपील