हिन्दू युवक से शादी करने वाली पारसी महिला गुलरुख गुप्ता को पारसी पंचायत ने पिता के अंतिम संस्कार कार्यक्रम में शामिल होने की इजाज़त दे दी है. गुरुवार को वलसाड पारसी पंचायत ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि वह गुलरुख गुप्ता को, पिता की मृत्यु पर प्रार्थना के लिए टेंपल ऑफ साइलेंस जाने की इजाज़त देने को तैयार है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह फैसला केवल इस मामले तक सीमित है, यह नजीर नहीं होगी.
प्रधान न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ के समक्ष, वलसाड पारसी पंचायत की ओर से पेश वरिष्ठ वकील गोपाल सुब्रह्मणयम ने कहा कि “पंचायत गुलरख गुप्ता को पिता की मृत्यु पर प्रार्थना के लिए टेंपल ऑफ साइलेंस जाने की इजाज़त देने को तैयार है.” पिछली सुनवाई में पीठ ने कहा था कि “पंचायत कठोर न बने और वह दूसरे धर्म के पुरुष से शादी करने वाली महिलाओं को टेंपल ऑफ साइलेंस में जाने की इजाज़त दें.” पीठ ने कहा था कि “महिला प्रार्थना के लिए टेंपल ऑफ साइलेंस में जाना चाहती है. इसके लिए महिला को याचिका क्यों दायर करनी चाहिए.”
गुलरुख गुप्ता ने गुजरात हाई कोर्ट के उस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी, जिसमें कहा गया था कि दूसरे धर्म के पुरुष से शादी करने के बाद महिला का धर्म पुरुष के धर्म में स्वतः परिवर्तित हो जाता है. न्यायमूर्ति कूरियन जोसफ की अध्यक्षता वाली पीठ ने इस मामले को संविधान पीठ के पास भेज दिया था.
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