शाहजहांपुर. उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में एक अनोखा मामला सामने आया है. यहाँ कोर्ट ने एक युवक को 9 साल की उम्र में किए गए जुर्म की 22 साल बाद सजा सुनाई है.
1995 में हिमांशु शुक्ला नाम का यह युवक नौ साल का था. अपने गांव सतवन बुजुर्ग में खेत पर काम करते समय गाँव के ही कल्लू नाम के लड़के से उसका विवाद हो गया और हिमांशु ने उसे थप्पड़ मार दिया. पुलिस ने एससी एसटी एक्ट के तहत उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तार किया था. नाबालिग होने के कारण उसे तीन माह के लिए बाल सुधार गृह भेजा गया था. इस मामले में हिमांशु को 2011 में कोर्ट का समन मिला. जिसमें उसे कोर्ट में पेश होने के लिए कहा गया था.
हिमांशु शुक्ला की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने से वह बार-बार कोर्ट नहीं जा पाया. बाद में जब कोर्ट के समक्ष अपने अपराध को कबूल करने से किशोर न्याय बोर्ड ने उसे एक माह तक चार घंटा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर, सुबह 10 बजे से लेकर 2 बजे तक स्वीपर का काम करने के लिए कहा है. जिला प्रोबेशन अधिकारी ने इसके लिए सीएचसी प्रभारी को पत्र भी जारी किया है.हिमांशु अशिक्षित हैं इसलिए उसे स्वीपर का काम दिया गया है.
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