नई दिल्ली : 'अमूल' नाम सुनते ही गाढ़े, सफ़ेद और स्वादिष्ट दूध की छवि जेहन में उभरने लगती है. लेकिन अब ब्रांड नेम का फायदा अन्य कंपनियां भी उठा रही हैं जो कि अंडरवियर, ट्रेक्टर और बॉडी वॉर्मर बना रही है. इस पर रोक लगाने के लिए अमूल की असली कम्पनी ने गुजरात हाई कोर्ट में मामला दर्ज कराया है. अब यह कंपनियां इस नाम का उपयोग नहीं कर सकेंगी.
उल्लेखनीय है कि अमूल ट्रेडमार्क की असल मालिक खेड़ा डिस्ट्रिक कॉपरेटिव मिल्क उत्पादक संघ ने गुजरात हाईकोर्ट में देश के 6 ट्रेडमार्क ऑफिसों के खिलाफ केस दर्ज कर दिया है. ये ऑफिस दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई और अहमदाबाद में स्थित है. यह मामला अमूल डेयरी और गुजरात कॉपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन ने दर्ज करवाया है .
बता दें कि अब हाईकोर्ट ने कहा कि कोई अन्य कंपनी अमूल या फिर मिलते-जुलते नाम का इस्तेमाल अपना सामान बेचने के लिए नहीं कर सकेगी और न ही ट्रेडमार्क का रजिस्ट्रेशन कोई नहीं कर सकेगा. अमूल गुजरात में 600 करोड़ रुपये का निवेश कर डेयरी क्षमता को बढ़ा रही है. इससे डेरी की प्रतिदिन क्षमता 35 लाख लीटर से बढ़कर 50 लाख लीटर हो जाएगी. साथ ही टर्नओवर 18 फीसदी बढ़कर करीब 2,700 करोड़ रुपये हो जाएगा.
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