नई दिल्ली : येरुशलम पर ट्रम्प द्वारा विवादित फैसला देने के बाद सैकड़ों फलस्तीनी प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतर आये. पश्चिमी तट में आज इस्राइली जवानो से इन प्रदर्शनकारियों की झड़प भी हुई. वहीं दूसरी ओर गाजा में कई प्रर्दशनकारियों ने ट्रम्प के पोस्टर फूंक डाले. झड़प ने हिंसक रूप ले लिया जिसमे लगभग 31 फ़लस्तीनी नागरिक घायल हुई हैं और 1 व्यक्ति की हालत नाज़ुक बताई गयी है.
गौरतलब है कि ट्रम्प ने येरुशलम को इस्राइल की राजधानी के रूप में मान्यता देने का फैसला सुनाया था जिस पर फलस्तीनी नागरिक भड़क गए. वहीं गाजा पट्टी के सत्ताधारी उग्रवादी संगठन हमास के नेताओं ने भी इस फैसले पर नाराजगी जताई और नए सैन्य आंदोलन का आह्वान किया. वहीं प्रदर्शनकारियों ने ट्रम्प के पोस्टर के साथ-साथ, अमेरिकी और इस्राइली झंडे भी आग के हवाले किये. पश्चिमी तट में प्रदर्शनकारियों ने उग्र रूप धारण कर टायरों में आग लगायी और इस्राइली जवानों पर पत्थरबाजी कर डाली.
बेथलहम में प्रदर्शनकारियों को खदेड़ने के लिए जवानो को पानी की बौछार और आंसू गैस के गोले दागने पड़े. दुनिया भर में अमेरिका राष्ट्रपति ट्रम्प की येरुशलम को इस्राइल की राजधानी के तौर पर मान्यता देने के ऐलान के बाद से ही चिंता जताई जा रही है. वहीं ट्रम्प के इस फैसले के बाद से ही दुनियाभर के कई नेताओं ने इस बात पर नाराजगी जताई.
वहीं संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद ने ट्रम्प के इस विवादस्पद फैसले के बाद आज एक आपात बैठक बुलाई है. इस बैठक में दो स्थायी सदस्य देश- ब्रिटेन और फ्रांस भी शिरकत करेंगे. येरुशलम को इजराइल की राजधानी घोषित करने वाला अमेरिका पहला देश बन गया. वहीं संयुक्त राष्ट्र के महासचिव रह चुके कोफी अन्नान ने ट्रम्प के इस फैसले पर गहन दुःख जताया और कहा कि आज मुझे बहुत गहरा दुःख हुआ.
येरुशलम को इजरायल की राजधानी बनाने पर भारत का बयान