नई दिल्ली : देश की राजधानी आखिर कब जुर्म और अपराधों से मुक्त होगी? जब देश की राजधानी ही इनसे मुक्त नहीं होगी तो बाकि देश का क्या हाल है इस बात का अंदाज़ा आसानी से लगाया जा सकता है. देश की राजधानी पहले ही जुर्म और अपराधों की राजधानी घोषित हो चुकी है. अब राजधानी में अस्पतालों की लापरवाहियां भी सामने आ रही हैं. जहाँ अभी हाल ही में मैक्स अस्पताल का लायसेंस रद्द कर दिया गया और उसके बाद फोर्टिस अस्पताल की लापरवाही का मामला सामने आने के बाद केजरीवाल सरकार ने कहा था कि, अस्पतालों की लापरवाही सहन नहीं की जाएगी. इन दोनों अस्पतालों की लापरवाही के बाद अब एक प्राइवेट अस्पताल का मामला भी सामने आ गया.
जी हाँ बता दें कि एक निजी अस्पताल पर ग्वालियर के निवासी नीरज गर्ग ने आरोप मढ़ते हए कहा कि, करोल बाग़ स्थित बीएल कपूर अस्पताल ने लापरवाही बरती जिसके चलते उन्होंने अपनी बच्ची खो दी. बच्ची की मौत के बाद अस्पताल ने उन्हें 19 लाख का बिल भी पकड़ा दिया.
यह घटना दिल्ली के करोल बाग़ की है, जहाँ के एक नामचीन अस्पताल बीएल कपूर स्थित है और उस पर ग्वालियर के रहने वाले नीरज गर्ग ने लापरवाही का आरोप लगाया है. जानकारी देते हुए नीरज ने कहा कि 31 अक्टूबर के दिन उन्होंने अपनी बच्ची को अस्पताल में भर्ती करवाया था. बीते 11 नवम्बर को नीरज की बच्ची का बोन मैरो ट्रांसप्लांट किया गया था. इस ट्रांसप्लांट के बाद अगले ही दिन यानी कि 23 नवम्बर से ही बच्ची की हालत बिगड़ने लगी. जब डॉक्टरों ने जांच की तो बताया कि यह इन्फेक्शन की वजह से हुआ है. इस पर नीरज ने कहा कि इसके पहले ही उन्होंने अस्पताल प्रबंधन से बच्ची को लगातार बुखार रहने की शिकायत की थी, लेकिन यहाँ के डॉक्टरों ने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया.
वहीं जब बच्ची की हालत ज्यादा खराब हो गयी तो उसे ICU में शिफ्ट कर दिया गया, लेकिन 25 नवम्बर को डॉक्टरों ने नीरज को साफ़ कह दिया कि अब बच्ची को नहीं बचाया जा सकता. वहीं स्वस्थ मंत्री सत्येंद्र जैन ने इस मामले में जानकारी न होने की बात कही. वहीं अस्पताल पर लगे आरोपों का बचाव करने के लिए इंडियन मेडिकल एसोसिएशन आगे आयी. हालांकि यह पहली घटना नहीं है जब किसी अस्पताल पर इस तरह के आरोप लगे हैं.
सरकारी रिपोर्ट के बाद बढ़ी मेक्स अस्पताल की मुसीबते
अब यूपी के मरीजों को मिलेंगी मेदांता की सुविधाऐं