2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव की पृष्ठ भूमि को तैयार करने में अहम रोल निभाने वाले गुजरात चुनावों में बीजेपी को मिली जीत से पार्टी में ख़ुशी है. वहीँ मोदी के गढ़ में बीजेपी को 99 सीटों पर सीमित रखना कांग्रेस को जीत का अनुभव दे रहा है. यह बीजेपी के लिए अहम चेतावनी भी है कि आने वाले समय में कांग्रेस को हल्के में नहीं लेना है यदि केंद्र में मौजूदा मोदी सरकार को 2019 चुनाव लिए वोट मांगने हैं.
तो साफ है कि 2019 में उसे मजबूत विपक्ष का सामना करना पड़ेगा. लिहाजा महज आर्थिक सुधार और विकास के मंत्र से चुनावी नैया पार नहीं होने वाली है. ऐसी स्थिति में और कई मुद्दे बीजेपी के लिए चुनावी एजेंडा हो सकते हैं जैसे कि
1. राम मंदिर
अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण कराना बीजेपी का सबसे पुराना चुनावी वायदा रहा है. चुनाव विधानसभा का हो या लोकसभा का इस मुद्दे ने बीजेपी को लगातार सहारा दिया है. अयोध्या में राम मंदिर को लेकर सुप्रीम कोर्ट फरवरी से रोज सुनवाई करने वाला है. कोर्ट का कोई भी फैसला इस मुद्दे को कभी भी भारतीय राजनीति के केंद्र में ला सकता है. अगर ऐसा हुआ तो बीजेपी इसके सहारे 2019 के चुनावों में अपने पक्ष में हवा बनाने से चूकेगी नहीं.
2. ट्रिपल तलाक
केंद्र सरकार ने ट्रिपल तलाक के मुद्दे पर कानून की रूपरेखा तैयार कर ली है. प्रधानमंत्री मोदी ट्रिपल तलाक के मुद्दे पर कह रहे हैं कि ये धार्मिक मामला नहीं बल्कि महिलाओं के अधिकार से जुड़ा मसला है, और इस पर राजनीति नहीं होनी चाहिए. तो बीजेपी को उसका फायदा मिलने से इनकार नहीं किया जा सकता. चुनाव में ऐसा ध्रुवीकरण अंततः नतीजों को बीजेपी के पक्ष में ही ले जाएगा.
3. दाऊद से हाफिज सईद
भारत-पाकिस्तान द्विपक्षीय रिश्ते देश के प्रत्येक चुनाव में अहम भूमिका निभाते रहे हैं. सर्जिकल स्ट्राइक के बाद हुए हर चुनाव में पीएम मोदी ने इस स्ट्राइक पर सवाल उठाने के लिए कांग्रेस को मंच से निशाने पर लिया है. इसका जो असर हुआ है उसे देखते हुए कहा जा सकता है कि लोकसभा चुनावों में भी पाकिस्तान, दाऊद इब्राहिम या हाफिज सईद जैसे आतंकियों से जुड़े मुद्दे चर्चा के केंद्र में होंगे.
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