देश भर में क्रोनिक किडनी की बीमारी के मामले बढ़ते जा रहे है, इसकी लिए हमारी खराब आदते जिम्मेदार है. भारत में प्रत्येक 10 में से एक इंसान को किसी न किसी रूप में क्रोनिक किडनी की बीमारी होने की संभावना होती है. इस तरह किडनी की बीमारी के शिकार होने के बाद डायलिसिस या किडनी प्रत्यारोपण की जरूरत पड़ती है. कम मात्रा में पानी पीने से किडनी को नुकसान हो सकता है, पानी की कमी के कारण किडनी में इंफेक्शन होने का खतरा बढ़ जाता है. स्मोकिंग और तम्बाकू के सेवन से भी सेहत को नुकसान होता है. इसी कारण ब्लड वेसल में ब्लड का बहाव धीमा हो जाता है.
रात भर में यूरिनरी ब्लैडर पूरी तरह से भर जाता है, इसे सुबह उठते ही खाली करने की जरूरत पड़ती है और आलस के कारण यूरिन को रोका जाता है, तब किडनी को नुकसान होता है. हाई ब्लड प्रेशर के कारण किडनी की समस्या हो सकती है, इसलिए हाई ब्लडप्रेशर के इलाज में लापरवाही न करे.
डायबिटीज के शिकार लगभग तीस प्रतिशत लोगो को किडनी की बीमारी हो ही जाती है. किडनी की बीमारी से ग्रस्त एक तिहाई लोगो को डायबिटीज हो जाता है. इसलिए ब्लड में शुगर की मात्रा को जरूर कंट्रोल करे.
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