नईदिल्ली। गुड्स एंड सर्विस टैक्स काउंसिल की बैठक शनिवार को वित्तमंत्री अरूण जेटली की अध्यक्षता में आयोजित हुई। इस बैठक में निर्णय लिया गया कि ई-वे-बिल दो प्रकार से लागू होना चाहिए। इस हेतु 1 फरवरी 2018 की अंतिम तिथि तय की गई है। ई-वे-बिल को 1 जून से लागू किया जाएगा। बिल का ट्रायलरन 15 जनवरी से प्रारंभ होगा। वित्तमंत्री अरूण जेटली ने इस मामले में कहा कि लोगों को कर चोरी से बचाने के लिए नई विधि लागू की गई है।
इससे लोगों को सुविधा भी होगी। ई वे बिल से वसूली बढ़ेगी और इसकी समय सारिणी को लेकर काउंसिल ने निर्णय लिया है। गुड्स एंड सर्विस टैक्स के तहत 50 हजार रूपए से अधिक का गुड्स दूसरे स्थान पर भेजने हेतु ई वे बिल के माध्यम से नेटवर्क को सूचित किया जाएगा।
इससे ट्रांसपोर्टर और आपूर्तिकर्ता की परेशानियां दूर हो जाऐंगी। उक्त बिल की अवधि 1 दिन से 15 दिन तक होगी। इस हेतु 1 दिन की समयसीमा तय की जाएगी। मगर गुड्स को अधिक दूरी तक पहुंचाना होगा तो फिर उसे 100 किलोमीटर तक ले जाया जाएगा। उल्लेखनीय है कि सरकार द्वारा जीएसटी बिल को लेकर कई तरह की मुश्किलों का सामना कारोबारियों को करना पड़ गया है। लोग जीएसटी की जटिलताओं में उलझे नज़र आ रहे हैं जबकि सरकार का कहना है कि यह कोई जटिल कर प्रणाली नहीं है।
ज़मीन पर बना है तेईस रंगो का इंद्रधनुष
जानिए कहाँ बनी है सोने की अयोध्या नगरी
अलग अलग ब्रेसलेट लाएंगे आपकी पर्सनालिटी में निखार