नई दिल्ली : सागरमाला परियोजना के तहत असम के ब्रह्मपुत्र नदी में राष्ट्रीय जलमार्ग-2 पर सीमेंट मालवाहक जलपोत को केंद्रीय सडक़ परिवहन एवं जहाजरानी मंत्री नितिन गडकरी हरी झंडी दिखाकर आज रवाना करेंगे. इस दौरान गडकरी माजुली द्वीप के किनारों के संरक्षण कार्य की आधारशिला भी रखेंगे. बता दें कि विभागीय मंत्री द्वारा रावंगी के बाद यह दो मालवाहक जलपोत पांडु बंदरगाह से 255 किलोमीटर दूर धुबरी के लिए रवाना होंगे.
उल्लेखनीय है कि इन दो जलपोतों के कुल क्षमता 200 टन हैं. यह 400 टन सीमेंट लेकर अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (आईडब्ल्यूएआई) के पांडु बंदरगाह से रवाना होंगे.एन डब्ल्यू-2 के माध्यम से पंडु से धुबरी तक कार्गो परिवहन से प्रतिचक्र सडक़ परिवहन के 1,50,000 टन किलोमीटर की और माल की लागत कम करने में 300 किलोमीटर सडक़ यात्रा की बचत होगी. इस दृष्टि से जल परिवहन सस्ता पड़ेगा.
आप यह जानकर हैरान हो जाएंगे कि एक हॉर्स पावर द्वारा सडक़ से 150 किलोग्राम और रेल से जहां 500 किलोग्राम ढुलाई हो सकती है, वहीं जलमार्ग से 4000 किलोग्राम माल ढोया जा सकता है. यही नहीं 1 लीटर ईंधन से सडक़ से 24 टन प्रति किलोमीटर, रेल से 85 टन किलोमीटर तथा जलमार्ग से 105 टन प्रति किलोमाटर माल ढोया जा सकता है.ईंधन की बचत के नजरिये से भी जल मार्ग लाभप्रद है .
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