जो काम अब तक पुरुष करते आये हैं वह महिलाएं भी कर सकती हैं, इसी बात को साबित करने में लगी हिमाचल की पहली महिला टैक्सी ड्राइवर सीमा ठाकुर अब कुछ नया आज़माना चाहती हैं. वह टैक्सी चलाना छोड़कर बस या वॉल्वो चलने की ख्वाहिश रखती हैं, पर फिलहाल सरकार ने उन्हें इसकी इजाज़त नहीं दी है.
शिमला में हिमाचल पथ परिवहन निगम के अंतर्गत 5 मई, 2016 से टैक्सी ड्राईवर के तौर पर सेवाएं दे रहीं सीमा ठाकुर अब वॉल्वो या साधारण बस चलाना चाहती हैं. उन्होंने एचआरटीसी के आरएम और डीएम के समक्ष इसके लिए अर्जी लगाई है. अधिकारीयों ने उनकी फाइल एचआरटीसी प्रबंधन को भेज दी है. सीमा का कहना है कि “जब मेरे पास हैवी लाइसेंस है तो मैं छोटी गाड़ी क्यों चलाऊं.” उनका कहना है कि उन्हें बस चलाने की अनुमति मिलनी चाहिए.
एचआरटीसी के आरएम देवासेन नेगी ने बताया कि “सीमा ने बस चलाने की हामी भरी है. पर अभी उन्हें बस चलाने को नहीं दी जा सकती है. संतुष्ट होने के बाद इस पर विचार किया जाएगा.” फिलहाल सीमा संजौली से लक्कड़ बाजार तक टैक्सी चलाने के दौरान चालक और परिचालक दोनों का काम कर रही हैं. वह पहले सवारियों के टिकट काटती हैं और उसके बाद टैक्सी चलाती हैं.
गर्लफ्रेंड के घर मिली नेशनल हॉकी प्लेयर की लाश