लखनऊ। लखनऊ विधानसभा में बजट सत्र के तहत संदिग्ध पाउडर बरामद हुआ। इस पाउडर की जाॅंच को लेकर लखनऊ विधि विज्ञान प्रयोगशाला के निदेशक डाॅ. श्याम बिहारी उपाध्यक्ष पर संदेह जताया जा रहा था। यही नहीं डीजीपी की संस्तुति पर उन्हें निलंबित कर दिया गया। मिली जानकारी के अनुसार 11 जुलाई को विधानसभा में विस्फोटक पदार्थ के तौर पर एक पाउडरनुमा तत्व पाया गया।
ऐसे में विधानसभा भवन में हड़कंप मच गया। जिसके बाद सुरक्षा कारणों से विधानसभा को खाली कर दिया गया। लैब के निदेशक ने इसे कथित तौर पर पीईटीएन बताया। इस मामले में 14 जुलाई को एनआईए को जाॅंच सौंप दी गई। उत्तरप्रदेश एटीएस ने उक्त पाउडर को केंद्रीय विधि विज्ञान प्रयोगशाला हैदराबाद में भेज दिया।
मगर लखनऊ एफएसएल में जो जाॅंच की गई थी उसे गलत बता दिया गया। कहा गया कि यह जाॅंच एक्सपायर्ड हो गई थी। फाॅरेंसिक लैब हेड श्याम बिहारी उपाध्याय ने सरकार व उच्चाधिकारिों को गुमराह कर दिया। कहा गया कि सीएफएसएल हैदराबाद की रिपोर्ट में इसे क्वाट्र्ज कहा गया। उक्त रिपोर्ट के आधार पर डीजीपी ने श्याम बिहारी उपाध्याय के विरूद्ध कार्रवाई की संस्तुति शासन को भेज दी।
गौरतलब है कि उत्तरप्रदेश विधानसभा में कथित विस्फोटक पदार्थ मिलने को पहले आतंकी साजिश माना गया था। मगर यह सवाल किया गया कि किसी भीतरी हस्तक्षेप के बिना इस तरह का पदार्थ विधानसभा के अंदर तक आ पाना बेहद मुश्किल है। इस बात की जाॅंच की गई कि यह पदार्थ किस तरह का है और यह अंदर कैसे लाया गया। हालांकि एसएफएल अधिकारी की भूमिका पर संदेह जताया गया और यह कहा गया कि क्या उनकी जाॅंच सही थी।
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