कहा जाता है कि "कौन कहता है कि आसमान में छेद नहीं हो सकता, तबियत से एक पत्थर तो उछालो यारों". जी हाँ एक लाइन का सीधा सीधा एहि अर्थ है कि हौसले में चमक होनी चाहिए और इरादे इरादे मजबूत होने चाहिए तो कोई ऐसा काम नहीं है जो पूरा नहीं हो सकता. ऐसे ही एक खबर है श्रीनगर की, पुलिस पर पत्थर फेंकने पर सुर्खियों में आई 21 वर्षीय खिलाड़ी अफशां आशिक अब जम्मू कश्मीर महिला फुटबॉल टीम की कप्तान बन गई हैं.
अफशां की इस कामयाबी को कश्मीरियों के दिलों को जीतने की सरकार की सफल कोशिश बताई जा रही है. मंगलवार को केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह से हुई मुलाकात में अफशां ने खिलाड़ियों के सामने आने वाली समस्याओं और चुनौतियों से राजनाथ जी को अवगत कराया. अफशां ने पीटीआई से कहा कि, "हमने गृहमंत्री से जम्मू-कश्मीर में खेल के आधारभूत ढांचे की कमी से अवगत कराया तो उन्होंने तत्काल मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती से फोन पर बात की और समस्या का समाधान किया. उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री के विशेष पैकेज के तहत राज्य के लिये पहले ही 100 करोड़ रुपये आवंटित किये गए हैं."
श्रीनगर की रहने वाली अफशां फिलहाल मुंबई के एक क्लब के लिए खेल रही है. वे कहती हैं मेरी जिंदगी तब बदली जब पत्थर फेंकते हुए तस्वीर नेशनल मीडिया में आई. अब मेरी जिंदगी पूरी तरह बदल चुकी है. बताया जा रहा बॉलीवुड स्टार गुलशन ग्रोवर और उनके बेटे संजय ग्रोवर अफशां पर फिल्म बना सकते हैं. इस फिल्म के अगले साल रिलीज़ होने की बातें कही जा रही हैं.
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