दुनिया में कई तरह की प्रजातियां हैं. इनमे से हम कुछ को ही जानते है और बहुत सारी ऐसी है जिन्हे हम नहीं जानते. हम क्या शायद वैज्ञानिक भी नहीं जानते होंगे. धीरे धीरे इन सब की खोज कर रहे हैं साइंटिस्ट. आज हम आपको ऐसी ही एक खबर बताने जा रहे हैं जिसे जानकर आप भी हैरानी में पड़ जायेंगे. दरअसल, जितनी प्रजाति हम जानते हैं वही हमारे लिए बहुत होती है. ऐसे में 100 से ज्यादा प्रजातियां और भी खोजी गयी हैं जिनके बारे में हम बता रहे हैं.
दरअसल, हम बात कर रहे हैं मेकॉन्ग क्षेत्र की जहाँ पिछले वर्ष 100 से ज्यादा नई प्रजातियों की खोज हुई है. इस प्र रिसर्च करने वालों ने ये जाना कि स्थानीय बाजार में बिक्री के लिए रखी गई मगरमच्छ जैसी दिखने वाली छिपकली और थाई कछुआ इन नई प्रजातियों में शामिल हैं. मेकॉन्ग नदी के आस-पास स्थित दक्षिणपूर्वी एशियाई देश विश्व के सबसे समृद्ध जैव विविधता वाले देश हैं. इनमें थाईलैंड, म्यामां, कंबोडिया, लाओस और वियतनाम शामिल हैं. इतना ही नहीं यहाँ हर साल वैज्ञानिक कोई ना कोई नयी प्रजाति की खोज करते हैं और पिछले साल उन्हें 100 से ज्यादा प्रजाति मिली है.
विश्व वन्यजीव कोष (डब्ल्यूडब्ल्यूएफ) के मुताबिक एक लंबी जांच प्रक्रिया के बाद वैज्ञानिकों ने वर्ष 2016 में कुल 115 नई प्रजातियों की खोज की पुष्टि की. इनके बारे में आपको बता दे कि इनमें 18 उभयचर यानी पानी और जमीन में रहने वाले जीव, दो मछलियां, 11 रेंगने वाले जीव, 88 पौधे और तीन स्तनपायी जीव शामिल हैं.
इसी के साथ ये भी खबर आयी थी कि ग्रेटर मेकॉन्ग में पिछले 20 सालों में 2,500 से ज्यादा नई प्रजातियों की खोज हुई है. तो ये हमारे लिए बेहद ही नयी बात है और इनके अनुसार यही लगता है धरती पर ऐसे ही विविध जानवर मिलते रहेंगे.
यहाँ कैंची नहीं बल्कि कुल्हाड़ी से काटे जाते है बाल