नवरात्री प्रारम्भ होने से पहले हम शुभ महूर्त पता करने लगते है. इसमें हम पंचांग देखते, पंडित से पूछते है. क्योकि शुभ महूर्त में काम करना अच्छा होता है. भारतीयों की आदत होती है के वो सारे काम मुहर्त देख कर ही करते है. कुछ तो घर से बहार निकलने से पहले भी शुभ मुहर्त देखते है. अब ऐसे में माता रानी की स्थापना तो शुभ मुहर्त में ही होगी. मुहर्त कई होते है जैसे शुभ, लाभ, उपयोगी इन सभी के अलग अलग महत्व होते है.
माता की स्थापना शुभ महूर्त में करना अच्छा माना जाता है. हर साल स्थापना का मुहर्त अलग होता है. मुहर्त सम्पूर्ण वर्ष में पंचांग का विश्लेषण कर के बनाया जाता है. बता दे कि इस साल नवरात्री में माता के स्थापना का समय सुबह 6:30 बजे से 8 बजे तक का शुभ बताया गया है. आपको बता दे कि इस दौरान घट की स्थापना करना अच्छा माना जाता है.
नवरात्र के प्रारंभ से ही अच्छा वक्त शुरू हो जाता है, इसलिए अगर कोई शुभ मुहूर्त में घट स्थापना नहीं कर पाता है तो वो पूरे दिन किसी भी वक्त कलश स्थापित कर सकता है क्योंकि मां दुर्गा कभी भी अपने भक्तों का बुरा नहीं करती हैं. वही नौ दिनों तक चलने वाली पूजा में देवी दुर्गा के नौ स्वरूपों की आराधना की जाती है. हिन्दू धर्मावलंबियों के अनुसार नवरात्रि में मां दुर्गा की पूजा करने से जातक को हर मुश्किल से छुटकारा मिल जाता है. इसके अलावा अभिजीत मुर्हूत सुबह 11.36 से 12.24 बजे तक है. इस महूर्त में भी घट की स्थापना की जा सकती है.
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