निरुपा रॉय के जन्मदिन के उपलक्ष में उनकी ज़िन्दगी से जुड़ी कुछ एहम बातें:
- निरुपा जब मुंबई आईं, उन्हीं दिनो निर्माता-निर्देशक बी.एम.व्यास अपनी नई फिल्म रनकदेवी के लिये नये चेहरों की तलाश कर रहे थे. उन्होंने अपनी फिल्म में कलाकारों की आवश्यकता के लिये अखबार में विज्ञापन निकाला.
- पति कमल राय अपनी पत्नी को लेकर बी.एम.व्यास से मिलने गए और अभिनेता बनने की पेशकश की. लेकिन उन्होंने साफ कह दिया कि उनका व्यक्तित्व अभिनेता के लायक नहीं है लेकिन यदि वह चाहे तो उनकी पत्नी को फिल्म में अभिनेत्री के रूप में काम मिल सकता है.
- फिल्म 'रनकदेवी' में निरूपा राय 150 रूपये माह पर काम करने लगी लेकिन बाद में उन्हें इस फिल्म से अलग कर दिया गया.
- निरूपा राय ने अपने सिनेमा करियर की शुरूआत 1946 में प्रदर्शित गुजराती फिल्म गणसुंदरी से की. वर्ष 1949 में प्रदर्शित फिल्म हमारी मंजिल से उन्होंने हिंदी फिल्म की ओर भी रूख कर लिया. इसके बाद फिल्म गरीबी में काम करने का अवसर मिला. इन फिल्मों की सफलता के बाद वह अभिनेत्री के रूप में अपनी पहचान बनाने में कामयाब हो गयी.
-1951 में निरूपा राय की एक और महत्वपूर्ण फिल्म 'हर हर महादेव' प्रदर्शित हुई. इस फिल्म में उन्होंने देवी पार्वती की भूमिका निभाई. फिल्म की सफलता के बाद वह दर्शकों के बीच देवी के रूप में प्रसिद्ध हो गयी. इसी दौरान उन्होंने फिल्म 'वीर भीमसेन' में द्रौपदी का किरदार निभाकर दर्शकों का दिल जीत लिया.
-1953 में प्रदर्शित फिल्म दो बीघा जमीन उनके करियर के लिये मील का पत्थर साबित हुई. इस फिल्म में दमदार अभिनय के लिये उन्हें अंतराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त हुई.
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