गुड़गांव: प्रद्युम्न मर्डर केस में गुडगांव की अदालत ने हत्या करने के आरोपी 16 साल के छात्र की जमानत याचिका पर सोमवार तक के लिए अपना फैसला सुरक्षित रखा है. इससे पहले 22 दिसंबर 2017 को हुई सुनवाई में सीबीआई ने लिखित में नाबालिग लड़के को जमानत देने का विरोध किया था. आज कोर्ट ने किशोर न्याय बोर्ड के फैसले को चुनौती देने वाली आरोपी की याचिका पर सुनवाई की.
आठ सितंबर को प्रद्युम्न ठाकुर की हत्या करने के आरोपी उसी स्कूल के 11वीं कक्षा के छात्र की ज़मानत अर्जी को बोर्ड पहले ही खारिज कर चुका है. जुवेनाइल बोर्ड ने 20 दिसंबर को अपने फैसले में कहा था कि 16 वर्षीय आरोपी के खिलाफ वयस्कों की भांति मुकदमा चलेगा। दरअसल किशोर न्याय बोर्ड पहले यह जांच करता है कि किशोर द्वारा किया गया अपराध बच्चो या बड़ों में से किस तरह की मानसिक स्थिति में किया गया है, उसके बाद तय किया जाता है कि आरोपी के खिलाफ मुकदमा वयस्कों की भांति चलेगा या नहीं.
बोर्ड ने पीजीआई रोहतक के एक मनोविश्लेषक वाली समिति गठित की थी, रिपोर्ट में बताया गया कि आरोपी अपने कृत्य के परिणामों को समझने के लिए परिपक्व है. इसलिए किशोर न्याय बोर्ड ने 20 दिसंबर को फैसला सुनाया कि 16 वर्षीय आरोपी के खिलाफ वयस्कों की भांति मुकदमा चलेगा. सीबीआई का दावा है कि आरोपी ने प्रद्युम्न को इसलिए मारा ताकि स्कूल बंद हो जाए और ‘‘पैरेन्ट-टीचर मीटिंग’’ और परीक्षाओं को टाल दिया जाए.
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