नईदिल्ली। कोल ब्लाॅक आवंटन मामले में झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा को दोषी करार दिया गया था। अब उन्हें लेकर, सजा की घोषणा कर दी गई है। सजा के तौर पर मधु कोड़ा को 3 वर्ष की कैद और 25 लाख रूपए के जुर्माने की सजा सुनाई गई है। मधु कोड़ा के साथ, न्यायालय ने वीआईएसयूएल के निदेशक वैभव तुलस्यान, और दो लोकसेवकों, बसंत कुमार भट्टाचार्य और बिपिन बिहारी सिंह व चार्टर्ड अकाउंटेंट नवीन कुमार तुलस्यान को दोषमुक्त कर दिया गया।
केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो ने मामले में आरोप लगाया कि, वीआईएसयूएल कंपनी द्वारा 8 जनवरी 2007 को राजहरा नाॅर्थ कोयला ब्लाॅक के आवंटन हेतु आवेदन किया था। इस मामले में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जानकारी नहीं दी गई थी। इस दौरान, स्क्रीनिंग कमेटी के तत्कालीन चेयरमैन एचसी गुप्ता ने तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से छिपाया था कि, झारखंड सरकार द्वारा वीआईएसयूएल को कोयला ब्लाॅक आवंटन करने की सिफारिश नहीं की गई थी।
मिली जानकारी के अनुसार, वीआईएसयूएल को कोल ब्लाॅक देने हेतु साजिश की रचना की गई थी। कोयला ब्लाॅक आवंटन घोटालों को लेकर, सीबीआई द्वारा 30 प्रकरण दर्ज किए गए थे। इन प्रकरणों में से 4 के मामलों में विशेष न्यायालय द्वारा निर्णय सुनाया जा चुका है। आय से अधिक संपत्ती से जुड़ा मामला भी सुनवाई के तहत शामिल है।
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कोल ब्लाॅक आवंटन - मधु कोड़ा दोषी करार