नई दिल्ली : आखिर शरद यादव को नीतीश कुमार से पंगा लेना महंगा पड़ ही गया. सोमवार को राज्यसभा के सभापति ने उनकी सदन की सदस्यता को तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया. जेडीयू के ही एक अन्य बागी नेता अनवर अली की सदस्यता को भी खत्म कर दिया गया.बता दें कि राज्यसभा में जेडीयू के नेता आरसीपी सिंह की याचिका पर यह आदेश जारी किया गया है.
उल्लेखनीय है कि जेडीयू अध्यक्ष नीतीश कुमार ने नवंबर में राज्यसभा के सभापति के सामने इन दोनों नेताओं के पार्टी विरोधी कामों के कारण उनकी सदस्यता को रद्द कराने का प्रस्ताव रखा था.गत 17 नवंबर को जब से चुनाव आयोग ने नीतीश कुमार को पार्टी अध्यक्ष मानते हुए उन्हें पार्टी का चुनाव चिन्ह 'तीर' रखने का निर्देश दिया था. तभी से माना जा रहा था कि इन दोनों नेताओं को अपनी सदस्यता खोने का खतरा पैदा हो गया था .
बता दें कि जेडीयू ने शरद यादव को राज्यसभा में पार्टी के नेता के पद से हटा दिया था और उनकी जगह आरसीपी सिंह को नेता बना दिया था.नीतीश कुमार के महागठबंधन से अलग होकर बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाने के बाद से ही शरद यादव नाराज थे .इसके बाद वे पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल हो गए और लालू की बीजेपी भगाओ देश बचाओ' रैली में भी शामिल हुए थे और नीतीश कुमार के खिलाफ बयान दिया था. वर्चस्व की यह लड़ाई चुनाव आयोग तक पहुंची और आखिर में आयोग ने पार्टी के चुनाव चिन्ह पर नीतीश कुमार के दावे को सही माना था.
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