भोपाल में शनिवार को महिला शिक्षिकाओं ने समान वेतन की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। उन्होंने पुरुषों के समान वेतन की मांग को लेकर 'अध्यापक अधिकार यात्रा' भी की. यही नहीं उन्होंने विरोध के लिए एकदम अलग कदम उठाते हुए अपना सिर मुंडवा लिया और असमान वेतन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया.अब इन महिला शिक्षिकाओं के समर्थन में राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान के छात्र भी उतर आए हैं। अपना समर्थन दिखाने के लिए शिक्षिकाओं के समान इन छात्रों ने भी मुंडन करवा लिया है।
छात्रों ने शिक्षिकाओं के मुंडन को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि सरकार एक तरफ आदि गुरु शंकराचार्य की एकात्म यात्रा निकाल रही है, वहीं दूसरी ओर गुरुओं को अपमानित कर रही है. उन्होंने कहा कि छात्र गुरुओं का अपमान बर्दाश्त नही करेंगे. दरअसल प्रदेश में यह पहला मामला है जब महिला शिक्षिकाओं ने सिर मुंडवाकर कोई विरोध जताया है. शिक्षिकाओं द्वारा पिछले कई दिनों से सरकार को समान वेतन ना किए जाने पर आंदोलन की चेतावनी दी जा रही थी.
सरकार द्वारा उनकी मांग ना सुनी जाने पर राजधानी भोपाल सहित कई जिलों में लगातार आंदोलन किया जा रहा था. उनकी मांग है कि, पिछले बीस सालों से शिक्षा विभाग में संविलियन की मांग की जा रही हैं, उसे पूरा किया जाए. मुंडन कराने वाली शिक्षिकाओं ने मुंडन वाले दिन कहा था कि, "बीजेपी की सरकार अब हमारे लिए मर चुकी है और आज हमने केशदान कर सरकार का तर्पण कर दिया है."
चार अस्थाई महिला टीचर्स ने मुंडवाया अपना सिर
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