नईदिल्ली। भारतीय वायु सेना की सामरिक क्षमता को बढ़ाया गया है। दरअसल देश की सुपरसोनिक क्रूज़ मिसाईल ब्रह्मोस को अब देश के लड़ाकू विमान सुखोई से दुश्मन के क्षेत्र में दागने का सफल परीक्षण किया गया। हालांकि विमान से इस मिसाईल के प्रक्षेपण के कार्य को 22 नवंबर को ही परखा गया था। मगर अब ब्रह्मोस मिसाईल को प्रक्षेपित करने हेतु तैयार करने का कार्य प्रारंभ कर दिया गया है।
माना जा रहा है कि 40 सुखाई विमानों को ब्रह्मोस मिसाईल दागने के लिए तैयार करने का कार्य लगभग 2020 तक पूर्ण हो जाएगा। यह कार्य हिंदुस्तान एयरोनाॅटिक्स लिमिटेड के सहयोग से पूर्ण किया जाएगा। इस कार्य के तहत 40 सुखाई विमानों में संरचनात्मक परिवर्तन किए जाऐंगे। मिसाईल, ध्वनि की गति से तीन गुना अधिक गति से चलेगी।
इसकी मारक क्षमता लगभग 250 किलोमीटर होगी तो दूसरी ओर इसकी गति को 2.8 के अंक में मापा जा सकेगा। विमानों से इस मिसाईल को दागे जाने के बाद भारत की सामरिक क्षमता मजबूत हो जाएगी और फिर पाकिस्तान, चीन समेत वे देश कांप उठेंगे जो आए दिन भारत विरोधी प्रयासों में लगे रहते हैं।
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