नईदिल्ली। सर्वोच्च न्यायालय ने आज अयोध्या के विवादित रामजन्मभूमि मंदिर एवं बाबरी मस्जिद विवाद को लेकर सुनवाई की। सुनवाई करते हुए न्यायाधीशों ने कहा कि पीठ इस मामले में 8 फरवरी को आगे की प्रक्रिया करेगी। अर्थात् अब न्यायालय में इस मामले की सुनवाई 8 फरवरी को होगी। सर्वोच्च न्यायालय में मामले की सुनवाई भारत के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति दीपक मिश्र, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति अब्दुल नजीर बी पीठ ने की।
न्यायालय में मंगलवार को हुई सुनवाई के दौरान पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने मांग की है कि राम मंदिर, एनडीए के एजेंडे में शामिल है, ऐसे में सुनवाई को टाला जाए। उन्होंने कहा कि वर्ष 2019 के आम चुनाव के बाद इस मामले की सुनवाई होना चाहिए। कपिल सिब्बल ने सर्वोच्च न्यायालय से कहा कि अन्य याचिकाकर्ताओं को मामले से संबंधित दस्तावेज नहीं दिए गए हैं।
मिली जानकारी के अनुसार सर्वोच्च न्यायालय में सुनवाई के दौरान शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी ने कहा कि न्यायालय ने वह फाॅर्मूला मान लिया है जिसे हमने दिया था। गौरतलब है कि, शिया वक्फ बोर्ड ने कथित तौर पर कहा था कि मस्जिद को लखनऊ में बनाया जाना चाहिए, जबकि मंदिर को वहीं बनाया जाना चाहिए जहां इसे बनाने की बात कही जा रही है। उत्तरप्रदेश सरकार की ओर से न्यायालय में हुई कार्रवाई के दौरान तुषार मेहता पेश हुए थे। उन्होंने उत्तरप्रदेश सरकार का पक्ष पूरे मामले में रखा।
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