किसी भी देश की खूबसूरती में अगर कोई दाग होता है तो वो होता है वहां का रेड लाइट एरिया. वैसे यह किसी की कमाई का जरिया, किसी की रोजी रोटी और किसी के पेट भरने का जरिया होता है और किसी-किसी के लिए नर्क से भी बदतर होता है.
ख़बरों के अनुसार पकिस्तान के लाहौर में हीरा मंडी के कोठों पर जब महफ़िल जमती हैं तो कई रईसजादे यहाँ हुस्न की नुमाइश को आते हैं. लेकिन आज के इस दौर में यहां से गाने की आवाज़ नहीं आती, घुंघरूं की झनक नहीं आती. पहले कभी लडकियां इस मंडी की शान हुआ करती थीं लेकिन आज यह मंडी बहुत बुरे दौर और हालत से गुज़र रही हैं.
अंग्रेजो के जमाने में कभी यह मंडी अपनी शान के लिए जानी जाती थी और यहाँ के कोठे रात होते ही सज जाते थे. लाइट से जगमग, घुंघरुओं की आवाज़ से गूंजते गलियारे, मधुर संगीत के स्वर यहाँ से निकलने वालों को भी मोहित कर देता था. उसके बाद जब विभाजन हुआ और पकिस्तान भारत से अलग हुआ फिर पकिस्तान में इस्लामीकरण हुआ उसके बाद से इन कोठों की शान भी चली गयी.
यहाँ के वाशिंदे बताते हैं कि पहले कभी जो मंडी शान हुआ करती थी वह आज पूरे देश पर दाग बन गयी है. आधी रात के बाद सजने वाली लाहौर की यह हीरामंडी अब जिस्म फरोशी के धंधे में पूरी दुनिया में अव्वल नंबर पर है. अगर पूरी दुनिया में सबसे बड़ा कोई रेड लाइट एरिया है तो वह है लाहौर की हीरामंडी.
एशिया का सबसे बड़ा रेड लाइट एरिया है भारत के इस शहर में
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